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Syeda Noorjahan

Drama Romance Inspirational

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Syeda Noorjahan

Drama Romance Inspirational

दो दिलों की डोर

दो दिलों की डोर

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कहते हैं जोड़ियां आसमानों पर बनती हैं और जो आपकी किस्मत में है वह आपको मिलकर ही रहता है, कुछ ऐसी ही कहानी है आलिया और शान की,

शाम के दादा ने अपने दोनों बेटों अली और आबिद के लिए एक घर बनाया था, जहां वह दोनों अपने परिवारों के साथ रहते थे, एक कपड़े की दुकान थी जिस का कारोबार दोनों भाई मिलकर संभालते थे, दोनों की बीवियों में बहनों जैसा प्यार था, 

"भैया मैं एक बात सोच रहा था" आबिद ने कहा

"हां ,हां , कहो क्या बात है" अली ने कहा, माता पिता के जाने के बाद अली है घर के बड़ों की तरह घर के सारे फैसले लिया करता था, 

"भैया आ गया आलिया मेरी इकलौती बेटी है जब सोचता हूं कि वो बियाह कर चली जाएगी तो बहुत दुख होता है मैं सोच रहा था कि उसे हमेशा के लिए अपनी नजरों के सामने रखुं, शान की दुल्हन बनाकर" आबिद ने अपने दिल की बात कही,

"इससे बढ़कर मेरे लिए और क्या खुशी की बात होगी सच कहूं तो मैं भी तुमसे यह बात कहना चाहता था मगर कह ना सका" अली बहुत खुश हुआ

"क्यों नहीं भैया ?" 

"पता नहीं तुमने अपनी बेटी के लिए क्या सोच रखा हो, इसलिए मैं चुप था, मगर तुम ने मेरे दिल की बात कह कर मुझे खुश कर दिया, मेरे भाई!!" अली ने खुशी से अपने भाई को गले लगा लिया

दोनों भाइयों ने अपनी बीवियों से सलाह लेने के बाद आलिया और शान का रिश्ता तय कर दिया, और कुछ दिनों में उनकी सगाई हो गई, आलिया अब शान के सामने आने से शर्माने लगी थी, उसे यह सोचकर ही शर्म आती अब शान उसका मंगेतर है और जल्द ही उनकी शादी हो जाएगी, 

आलिया अभी दसवीं पढ़ रहे थे और शान चाहता था कि आलिया को बी.ए कराया जाए, इसलिए सब ने तय किया के आलिया और शान की शादी आलिया की पढ़ाई पूरी होने के बाद ही करेंगे, 

वक्त बढ़ता रहा आलिया शान के दिलों में एक दूसरे के लिए मोहब्बत परवान चढ़ने लगी, इज़हार की जरूरत नहीं थी वह दोनों आंखों से एक दूसरे के दिल का हाल पढ़ लेते थे, आलिया ने बी.ए पास कर लिया था इस खुशी में बड़ी दावत भी हुई थी, शान ने भी बड़ी अच्छी जगह नौकरी शुरू कर ली थी, दोनों ही परिवार शादी की तारीख तय करने के बारे में सोच रहे थे, मगर फिर वह दिन भी आया जब दोनों भाइयों के प्यार को किसी की नजर लग गई, दुकान पर काम करने वाले किसी कर्मचारी ने पैसों की हेराफेरी की गली के सामने आबिद पर इल्जाम लगा दिया और आबिद के सामने अली पर इल्जाम लगा दिया, दोनों भाइयों के दिल में बैर आ गया, बात बढ़ते बढ़ते बंटवारे तक पहुंच गई हंसते खेलते घर में एक दीवार खड़ी हो गई, अली अपने छोटे भाई की शक्ल भी नहीं देखना चाहता था, नहीं यार आबिद का भी था, दोनों की बीवी ने कोशिश बहुत की समाधान करने की मगर कोई फायदा नहीं हुआ, अली अपने भाई से बहुत नाराज था लो किसी भी तरह उसे माफ नहीं करना चाहता था, 

शान को लगा अब उसके बाबा सगाई तोड़ देंगे उसने किसी तरह आलिया को मिलने के लिए छत पर बुलाया

"तुम ठीक हो ना" शान ने सबसे पहले पूछा

"मैं ठीक हूं, अब क्या होगा?" आलिया घबराई हुई थी

"कुछ नहीं होगा हम सब ठीक कर देंगे"

"कैसे?" आलिया ने पूछा

"सबसे पहले यह बताओ अगर बाबा ने और चाचू ने हमारी सगाई तोड़ दी तो क्या तुम मेरे बिना रह लोगे?" शान ने पूछा, 

"ऐसा मत कहिए मैं ऐसा सोचती भी हूं तो मेरी सांस रखने लगती है मैं आपके बगैर नहीं रह सकती" आलिया तड़प कर बोली मगर शर्म से आंखें नीचे कर ली,

"जानता था तुम भी मुझसे उतनी ही मोहब्बत करती हो जितनी मैं करता हूं" शान ने आलिया को प्यार से देखते हुए कहा

"अब हम क्या करेंगे?"

"मैंने एक बात सोची है और हमें इस पर जल्द ही कोई फैसला लेना होगा।"

"कैसा फैसला? क्या सोचा है आपने ?"

"हम चुपके से शादी कर लेते हैं अगर हमारे घर वालों की नाराजगी खत्म हो जाती है तो हम उन्हें कुछ नहीं बताएंगे और हमारी शादी हो जाएगी सारी दुनिया के सामने और अगर वह नहीं मानते तो हम कह देंगे हम शादी कर चुके हैं ऐसे में कोई हमें एक दूसरे से अलग नहीं कर पाएगा" शान ने कहा

"यह आप क्या कह रहे हैं हमारे घर वालों को पता चला तो वह किसी को मुंह नहीं दिखा सकेंगे" आलिया को सदमा लगा कि वह ऐसा कैसे कर सकते हैं अपने माता-पिता के साथ,

"खर्च नहीं होगा, मैंने सारा इंतजाम कर दिया है, मैं तुम्हारे जवाब का इंतजार करूंगा चलता हूं" यह कह कर शान चला गया

आलिया कोई फैसला नहीं कर पा रही थी, दो दिन ऐसे ही बीत गए, वह दो रातों से सोई भी नहीं थी, फिर आलिया ने अपने पिता को कहते हुए सुना

"अच्छा रिश्ता देखा है आलिया के लिए, मैं नहीं चाहता मेरी बेटी किसी गलत जगह रहे, आलिया से कहना तैयार रहे, हम कुछ महीनों में उसे बियाह देंगे"

"यह क्या कह रहे हैं आप!! आलिया कि हमने बचपन में सगाई कर दी थी गलतफहमी आप दोनों भाइयों के बीच हुई है इसमें बच्चों का क्या कसूर?" आलिया की मां ने कहा

"आलिया की मां तुमसे जितना कहा है उतना करो यह कोई गलतफहमी नहीं है मैं जानता हूं भैया ने क्या किया है अब यह दीवार कभी नहीं टूटेगी" आबिद ने घर के बीच खड़ी दीवार की ओर इशारा करके कहा

इससे आगे आलिया सुन नहीं सकी और दौड़ कर अपने कमरे में चली गई अब उसने फैसला कर लिया जैसा शान कह रहा है वैसा ही करेगी, शान से मिलकर उसी रात आलिया ने शान की कही बात पर हामी भर दी,

"मैं जानता था तुम हां कहोगी, बहुत खुश हूं !! और हम जल्द ही अपने मां-बाप को मना देंगे तुम फिकर मत करना" वह जल्दी में था इसलिए एक साथ सारी बातें कहकर चला गया उसे अपनी शादी की तैयारियां करनी थी शान ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर किसी दोस्त के खाली पड़े मकान में शादी की सारी तैयारियां कराई, 

आलिया सहेली के घर जाने का बहाना करके घर से निकले और शान के बताए हुए पते पर पहुंच गई, 

शान के लगभग सभी दोस्त शादीशुदा थे तो सभी अपनी बीवियों के साथ आए थे औरतों ने आलिया को दुल्हन की तरह सजा दिया सजाया अपने मां-बाप से छुपकर अपनी जिंदगी का इतना बड़ा कदम उठाने पर आलिया को बहुत दुख था शादी के बाद तक भी वह बहुत रोती रही सब ने समझाया मगर वह चुप नहीं हुई,

"मैं जानता हूं यह सब कुछ बिल्कुल वैसा नहीं है जो सब तुमने सोचा होगा मगर मैं क्या करूं यह सभी लोग तुम्हें मुझसे दूर करने पर तुले हुए थे अगर हम ऐसा ना करते तो तुम मुझसे बहुत दूर चली जाती और मैं कुछ नहीं कर सकता"कमरे में आने के बाद शान ने कहा वह चाहता था कि आलिया खुश हो"थोड़ा सा हंस दो देखो यह हमारी जिंदगी का कितना खूबसूरत पल है क्या तुम उसे ऐसे ही गंवा दोगी" 

रोती हुई आलिया के चेहरे पर शर्म की लाली फैल गई

दोनों ने कुछ बहुत खूबसूरत पल साथ बिताए, जिसके वह दोनों सपने देखा करते थे एक दूसरे का साथ, फूलों से महकता हुआ बिस्तर, बहुत सारी मोहब्बत और कुछ अनछुए एहसास क्या कुछ नहीं था जो थोड़े से वक्त में उन दोनों ने जी लिया,

"यह कौन सा वक्त है घर वापस आने का तुम्हारे पापा को पता चला तो जानती हो ना कितना नाराज होंगे" आलिया की मां ने गुस्से से कहा 

"मुझे माफ कर दो" कहकर आलिया रोने लगी

"अरे अब इसमें रोने की क्या बात है ? मैंने कौन सा तुम्हें इतना डांट दिया भला ! रोना बंद करो इस तरह रोती हो तो मुझे अच्छा नहीं लगता, मेरी प्यारी बेटी! मेरी चंदा ! बस कर दो!" आलिया की मां को लगा आलिया उनके नाराज होने पर परेशान हो गई है मगर आलिया अपने चोरी छुपे शादी कर लेने पर शर्मिंदा थे इसलिए अपनी मां से माफी मांग रही थी,

कुछ वक्त तक आलिया और शान ऐसे ही चोरी छुपे मिलते रहे, आलिया को इस तरह चोरी छुपे मिलना पसंद नहीं था,

"आप बाबा को मना लो जल्दी से, मुझे इस तरह चोरी छुपे मिलना पसंद नहीं, हम कब तक इस तरह मिलेंगे भला?"

"मैं कोशिश कर रहा हूं मगर बाबा बहुत सारा नाराज है चाचू से" शान ने परेशानी से कहा

"जानती हूं पापा भी बाबा का नाम नहीं सुनना चाहते इस तरह चलता रहा तो हम कभी भी इन्हें नहीं बता सकेंगे" आलिया भी बहुत परेशान थी,

"ऐसा नहीं होगा मुझ पर भरोसा रखो" शान ने आलिया का हाथ थाम कर भरोसा दिलाया,

कुछ दिनों से आलिया बड़ी परेशान थी मां के पूछने पर भी कोई कारण ना बताया बताती भी तो क्या? कुछ था भी नहीं, वह अपनी मां को यह बात कैसे बताती है उसने चुपके से शादी कर दी और अब मां बनने वाली है, आलिया को इस बात के बारे में शाम को बताना था

"लगता है अब सबको पता चल जाएगा !! मुझसे मिलने के लिए आप बहुत जरूरी बात करनी है" एक पर्चे पर लिखकर आलिया ने गली के बच्चों के हाथ शाम तक यह बात पहुंचाई

शान चिंतित हुआ वह समझ नहीं पा रहा था कि क्या बात है, घर से दफ्तर का कह कर शान आलिया से मिलने के लिए निकल गया और आलिया भी सहेली से मिलने के बहाने शान से मिलने के लिए चली गई,

आलिया सारा दिन इंतजार करती रही मगर शान नहीं आया शाम ढलने को आई तो आलिया अपने घर वापस आ गई, स्टेशन पर बहुत गुस्सा आ रहा था वह समझ नहीं पा रहे थे कि शान क्यों नहीं आया? 

रात हो गई फिर अगली सुबह भी आ गई मगर शान की तरफ से कोई खबर ना आई, अब आलिया को शान की फिक्र होने लगी थी, शाम होने तक आलिया को अपनी बेचैनी की वजह पता चल गई,

शाम की मां आई थी "शान का कल से कोई पता नहीं चल रहा वह दफ्तर का कहकर घर से गया था मगर अभी तक वापस नहीं लौटा दफ्तर में पता किया तो कह रहे हैं कि वह दफ्तर आया ही नहीं न जाने किस हाल में होगा मेरा बेटा कहां होगा" यह कहकर शान की मां फूट-फूट कर रोने लगी, आलिया की मां शान की मां को तसल्ली देने लगी, 

"भाभी क्या बात है आप रो क्यों रही हैं" आबिद ने अपनी भाभी को रोते देख कर पूछा, 

"शान का कहीं पता नहीं चल रहा आलिया के पापा जाइए और कुछ कीजिए हमारे शाम को ढूंढ कर लाओ" आलिया की मां ने कहा

"आप फिकर मत कीजिए भाभी!  शान को कुछ नहीं हुआ, वह मिल जाएगा"कह कर वह अपने भाई के पास आया,

"भैया! शान का कुछ पता चला?" आबिद ने पुछा

"आबिद मेरे भाई!! मेरा बेटा कहीं नहीं मिल रहा न जाने कहां है"

"आप घबराइए मत भैया! हम पता लगा लेंगे" आबिद ने भाई को तसल्ली देते हुए कहा

2 दिन तक जब शान का कोई पता ना चला तो घबरा कर आलिया ने अपनी मां को अपनी शादी और होने वाले बच्चे के बारे में बता दिया,

"यह तू ने क्या किया मां बाप के भरोसे तो इस तरह तोड़ कर क्या मिला तुझे?" आलिया की मां को यकीन नहीं हो रहा था कि उनकी बेटी इस तरह से उनका भरोसा खत्म करेगी,

"मैं डर गई थी मुझे लगा आप लोग मुझे शान से दूर कर देंगे, मैं शान के बिना मर जाऊंगी" आलिया ने रोते हुए कहा

"यह बात किसी और को पता नहीं चलनी चाहिए" 

दोनों मां बेटी बातें कर ही रहे थे कि आबिद शान को सहारा दे कर घर के अंदर ले आया,

शान के शरीर पर बहुत चोट लगी थी, शान को देख कर आलिया की जान में जान आई, 

शाम को माता-पिता उसे देख कर कभी, उस को गले लगाते हैं, कभी उसका माथा चुनते हैं, कभी चोट की वजह पूछते, कभी उसकी बलाएं लेते,

"मैं दफ्तर जाने के लिए सुबह निकला तो रास्ते में मेरा एक्सीडेंट हो गया यह तो नहीं जानता कि मैं 2 दिन से कहा था मगर जब होश आया तो अस्पताल में आंख खोली, फिर अस्पताल वालों ने मुझसे मेरा नाम पता पूछा और चाचू को सूचित किया" शान ने कहा

"तुम सही सलामत आ गए हमारे लिए यही काफी है" चाचू ने कहा

"आबिद! मुझे माफ कर दो बात कुछ पैसों की थी मुझे तुम पर इस तरह नाराज नहीं होना चाहिए था मुझे माफ कर दो मुझसे गलती हो गई" अली ने कहा

"आप क्या कर रहे हैं भैया माफी तो मुझे मांगनी चाहिए मैं भी आप पर गुस्सा हुआ, मुझे माफ कर दो भैया!"

"क्योंकि अब आप दोनों की लड़ाई खत्म हो गई है मैं आप लोगों को कुछ बताना चाहता हूं जब आप दोनों ने हमारी सगाई तोड़ने का निर्णय लिया था मैं बहुत डर गया था" शान ने कहना शुरू किया " मैंने आप सबके आज्ञा के बिना चुपके से आलिया से शादी कर ली" शान ने कहा

सब चुप थे किसी की समझ नहीं आया कि क्या कहना है

"इससे पहले कोई कुछ भी सोचे मैं कुछ कहना चाहता हूं, भैया ! बच्चों की इस गलती को माफ कर देते हैं इन्होंने ऐसा गलत कदम उठाया क्योंकि हम ने और कोई रास्ता नहीं छोड़ा था इन दोनों के लिए" आबिद ने कहा

"सही कहा तुमने, बच्चों को हमसे नहीं हमें बच्चों से माफी मांगनी चाहिए" अली ने कहा

"नहीं बाबा ऐसा मत कहिए" शान ने कहा

"अब एक रास्ता है हम धूमधाम से हमारी बेटी को रुखसत करके अपने साथ ले जाएंगे इस तरह हमारी बेटी की इज्जत भी रहेगी" अली ने कहा

बड़े धूमधाम से सारे रीति-रिवाजों के साथ आलिया की विदाई हुई, 

"कहा था ना!! मैं सब ठीक कर दूंगा, देखो तुम मेरे कमरे में हो, मेरे साथ मेरे पास हो" शान ने कहा

"पिछली बार आपने मुझे तोहफा दिया था आज मेरे पास आपके लिए एक तरफा है"

"अरे वाह!! कहां है मेरा तोह्फा ?"

" यह रहा" आलिया ने एक पर्ची शान को दी

"यह तो बस एक पर्ची है, अच्छा अंदर कुछ लिखा हुआ है" पर्ची पर लिखा था

"हम माता पिता बनने वाले हैं" 

शान की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, शान ने आलिया को खुशी से गले लगा लिया, 

आज शादी की पचासवीं सालगिरह पर शान अपने पोते पोतियो को अपने प्रेम कथा सुना रहा है, आलिया का हाथ थाम कर शान ने कहा

"जिंदगी इतनी हसीन सिर्फ उनकी होती है जो एक दूसरे पर भरोसा करते हैं मैंने आलिया पर हमेशा भरोसा किया और आलिया ने मुझ पर, हम एक दूसरे का आदर करते हैं सम्मान करते हैं एक दूसरे की हर छोटी बड़ी खुशी का ख्याल रखते हैं तभी हम इतने साल एक साथ बिता सकें, ऐसा नहीं है कि हमने कभी झगड़ा नहीं किया हम बहुत झगड़ते थे लेकिन फिर एक दूसरे को मना भी लेते थे नाराज होने का हक होता है सबको अगर मनाने वाला हो तो, दो दिलों की डोर रिश्तों से जुड़ी होती है, यह जुड़ी रहे तो ज़िन्दगी बहुत ज्यादा हसीन हो जाती है, आई लव यू जान !"


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