जन्म
जन्म
पायल को पहली बार सागर ने कॉलेज से जाते हुए देखा था बड़ी-बड़ी आंखें छोटी सी नाक बारीक पतले होंठ पिंक कलर के यूनिफॉर्म में बड़ी प्यारी लग रही थी, सागर तो पहली नजर में ही पायल का दीवाना हो गया था,
"सुनो! तुमसे कुछ बात करनी है" सागर ने एक दिन पायल को रोक कर कहा
"मुझे नहीं करनी!" पायल अकड़ कर बोली और आगे बढ़ गई
"तुम तो मुझे जानती हो?" सागर ने फिर रोका,
"हां! तुम वही लोफर हो जो कॉलेज के आगे खड़े होकर लड़कियों को ताड़ते हैं" पायल ने कहा तो बाकी लड़कियां हंसने लगी,
"मैं कॉलेज के आगे जरूर खड़ा रहता हूँ मगर बस एक लड़की के लिए और वह तुम हो" सागर ने कहा
"जो भी हो! मुझे तुमसे बात नहीं करना, मेरा रास्ता छोड़ो" पायल ने कहा और फिर आगे बढ़ गई,
सागर उसे जाते हुए देखता रहा, सागर को सच बोलने वाली बहादुर लड़की अच्छी लगी,
अगले दिन सागर ने देखा पायल ने भीख मांग रहे बच्चे को अपना लंच बॉक्स दे दिया, पायल के लिए प्यार और बढ़ गया, "शादी तो मैं इसी से करूंगा" सागर ने सोचा....
सागर बार-बार पायल का रास्ता रोककर उससे प्यार का इजहार करने लगा, और पायल हर बार उसे ठुकरा कर आगे बढ़ जाती, इन कोशिशों में सागर में 1 साल बिता दिया सागर की मोहब्बत पायल के लिए हर दिन बढ़ती चली जाती और वही पायल के दिल में सागर के लिए नफरत बढ़ती चली जाती,
सागर का प्यार पागलपन की हद तक बढ़ गया अपना प्यार साबित करने के लिए सागर ने खुदकुशी कर ली, सागर का इरादा नहीं था बस अपनी नसों पर पायल का नाम लिखकर अपना प्यार जताना चाहता था इस कोशिश में उसने खून की ऐसी नसें काट दी के शरीर से बहुत सारा खून बह गया और उसकी मौत हो गई। पायल को इसकी कोई खबर नहीं थी उसे लगा सागर ने हार मान ली और अब उसका रास्ता रोकना बंद कर दिया है,
पायल बहुत खुश थी अब कोई पागल उसका रास्ता नहीं रोकेगा।
कुछ दिन बाद सागर ने एक नए शरीर में आंखें खोली, सागर को लगा वह बेहोश होकर आंखें खोल रहा है उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि वह मर चुका था उसके शरीर का अंतिम संस्कार हो चुका है यह किसी और का शरीर है जिसमें सागर की आत्मा ने प्रवेश कर लिया था, सागर को सब कुछ याद था कैसे अपना प्यार साबित करने के चक्कर में अपनी नसें काट बैठा था, उसने अपने हाथ देखने चाहे तो उसे एहसास हुआ कि वह एक चींटी के शरीर में है। सागर पायल को देखना चाहता था उसे बताना चाहता था कि वह वापस आ गया है किसी तरह बचते बचाते सागर पायल तक पहुंचा उसके शरीर पर चढ़कर सागर ने पायल को बताना चाहा कि वह अब भी जीवित है एक चींटी को अपने ऊपर चढ़ते हुए देखकर पायल ने उसे मसल दिया इस तरह सागर की दोबारा मौत हो गई....
कुछ दिन बाद सागर में दोबारा आंखें खोली इस बार वह जानना चाहता था कि वह किसके शरीर में है मैं समझ गया था कि वह दोबारा जन्म लेता जा रहा है पायल के लिए उसे किसी तरह पायल तक पहुंचना था घर से देखने पर उसे समझ आया कि इस बार वह एक मक्खी बन गया है किसी तरह दुनिया वालों से बचते हुए छिपकली से बचते हुए सागर पायल तक पहुंच गया...
"पायल देखो यह मैं हूं सागर, मैं वापस आ गया हूं मैं तुम्हारे लिए वापस आया हूं" सागर चिल्लाया
पायल ने देखा एक मक्खी उसकी नज़रों के सामने में भिन्न-भिन्न कर रही है, पायल ने हाथ से झटक दिया जिसके कारण सागर दूर जा गिरा किसी तरह उठकर वापस आया और फिर चिल्लाने लगा....
"पायल यह मैं हूं मुझे पहचानो मैं हूं सागर एक बार कह दो कि तुम्हें भी मुझसे प्यार है"
"ओहो ! यह मक्खी क्यों भिन्न-भिन्न कर रही है" पायल पढ़ना चाहती थी और सागर उसे परेशान कर रहा था मक्खी भगाने वाली जाली से पायल ने उस मक्खी को कुचल दिया,
कुछ दिन बाद सागर ने आंखें खोली उसे एहसास हुआ की उसने इस बार एक इंसानी शरीर में प्रवेश किया है,
यह कोई 60- 70 बरस का बूढ़ा व्यक्ति था सागर को अभी सब कुछ याद था,
"मैं कहां हूं मुझे पायल के पास जाना है" सागर ने कहा
"कौन पायल पिताजी आप अभी कहीं नहीं जा सकते आराम कीजिए" उस बूढ़े व्यक्ति के बेटे ने कहा उसे लगा उसके पिता बीमारी में बड़बड़ा रहे हैं,
"यह क्या कह रहे हो तुम मैं तुम्हारा पिता नहीं हूं मेरा नाम सागर है मुझे जाने दो" सागर उठने की कोशिश करने लगा मगर उठ ना सका वह बूढ़ा व्यक्ति पैरालिसिस था, इस तरह 4 जन्म लेने के बाद भी वह पायल का कुछ बिगाड़ ना सका,
"पायल को बुलाओ वह कॉलेज में पढ़ती है मैं कॉलेज का पता देता हूं मुझे उससे मिलना है बस एक बार" सागर गिड़गिड़ाया,
"पिता जी आपने कोई बुरा सपना देखा है आप सो जाइए यहां कोई पायल नहीं है"
"मैंने कहा ना मुझे पिताजी मत कहो मैं तुम्हारा पिता नहीं हूं" सागर गुस्से से बोला चिल्लाने पर सागर का बीपी हाय हो गया और सागर के दोबारा मौत हो गई,
अगली बार सागर में पायल के कुत्ते के रूप में जन्म लिया और हमेशा के लिए पायल के करीब हो गया पायल उसका बहुत ख्याल रखती थी, पायल अपने कुत्ते टॉमी से बहुत प्रेम करती थी इस तरह सागर की मनचाही इच्छा पूरी हो गई।
