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रंजना उपाध्याय

Drama

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रंजना उपाध्याय

Drama

प्यार की अनोखी कहानी

प्यार की अनोखी कहानी

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"महेंद्र जी अपनी बेटी मधु का रिश्ता देख रहे थे। दो तीन साल बाद रिश्ता मिला और शादी तय हो गयी। परिवार बहुत ही खुले विचारों वाला था। महेंद्र जी जब जाते थे समधी जी के घर तो सब एक साथ चाय नाश्ता करते थे।

"शादी का दिन तारीख सब पड़ गया। दोनों पक्ष खूब शॉपिंग कर रहे हैं। शादी को कुछ ही दिन बचे थे। किसी से पता चलता है कि मधु तुम्हारे पापा किसी औरत के साथ रोज एक रेस्टोरेंट में मिलते हैं।

"मधु ने कहा नहीं ऐसा नही हो सकता। आपको कोई गलत फहमी हुई है। धीरे धीरे पता लगाने लगी तो सच के करीब तक पहुँच गयी। अचानक मधु के पापा ने मधु को देख लिया।

"मधु दबे पांव वहां से निकल गयी। रास्ते भर यही सोचती रही कि जो मैंने देखा वह सच है या गलत। कुछ समझ मे नही आ रहा है। क्या करूँ किससे बताऊं। माँ को पता चलेगा तो परेशान होगी। आँखों से आँसू बह रहा है।

"मधु के पापा डर गए। और घर आने के बजाय दोनो समधिन समधी भाग गए। मधु ने सोचा आज पापा घर आएंगे तो मैं बात करूँगी। की पापा आप ये क्या कर रहे हैं। आप प्यार मोहब्बत का चक्कर फंस रहे हैं।

"इधर तैयारी हुई। उधर दोनों लोग घर से दूर किसी अन्य शहर में अपनी दुनिया बसा लिए,अब इधर लड़की और लड़का दोनो ने शादी कैंसिल कर दी।

"लड़की तो घर से बाहर नहीं निकल पाती की क्या मुह दिखाउंगी। एक साल गुजर गया। मधु की शादी नही हो पाई। एक दिन सोची की बात अब पुरानी हो चुकी है। तो कुछ नौकरी की तलाश करूँ। फिर नौकरी के चक्कर मे निकली तो हर जगह बायोडाटा देती थी।

"लोग सांत्वना देकर भेज देते थे। लेकिन कोई बुलाता नही था। एक दिन बहुत ही मायूस होकर सड़क के किनारे बैठ गयी बगल में एक छोटा सा संतोषी जी का मंदिर था।

"सभी लोगों को देखती थी। और अपने लिए मन्नत लगाई हे माँ!मैं अपना दुखड़ा किसी से कह नही सकती आप मेरी माँ हो। मेरा ख्याल करिए। मैं बहुत दुखी हूं। कोई सहारा नहीं है। मैं विपत्ति की मारी हूँ। 35 साल उम्र हो गयी। सबका ताना सुनना पड़ता है। लोग मनहूस नाम रकेह दिए है। कोई तो रास्ता होगा।

"एक बार उस रास्ते को दिखाओ माँ!तब तक एक बुढ़िया औरत आयी। बगल में बैठ गयी। बोली बेटी तुम अकेली हो। हाँ माँ जी मैं यहाँ अकेले ही आयी हूँ। घर पर माँ है। बूढ़ी औरत का बेटा आया बहुत स्मार्ट था।

"लेकिन गूंगा था। बूढ़ी औरत ने कहा इसी बेटे के लिए कुछ मागने आती हूँ। देखो माँ कब पूरा करती हैं। मधु से जाति धर्म सब पूछा और ये भी पूछा कि तुम्हारी शादी हुई है। या नहीं। मधु ने सारी कहानी बताई। तो बूढ़ी अम्मा बहुत दुखी हुई। और बोली बेटी तुम्हे कोई एतराज न हो तो तुम्हारी माँ से मैं बात करूँ। मधु ने हाँ में सर हिलाया।

"साथ मे ही बूढ़ी औरत और मधु घर गए। वहाँ शादी के लिए मधु का हाथ मांग लिया। शादी पक्की हुई। लेकिन बूढ़ी अम्मा जी की एक शर्त थी। कि शादी सन्तोषी जी के मंदिर में होनी चाहिए। और किसी को भी नही बुलाना है।

"सारी व्यवस्था हुई,और माँ सन्तोषी जी की कृपादृष्टि से दूसरे दिन ही शादी सम्पन्न हुई। लड़की अपने घर गयी। धन ,दौलत सब भरे पड़े थे कोई देखने वाला नहीं था। मधु वहाँ जाकर बहुत ही खुश रहती थी। अपनी माँ का भी ख्याल रखती थी। कोई जरूरत होती तो पैसे लेकर पहुच जाती थी। माँ बेटी को एक सहारा मिला।

"जिस मायके में सभी लोग बुरी नजर ,हेय दृष्टि से देखते थे। आज वही लोग मधु की आवभगत बड़े ही प्यार से करते हैं। कहा गया है जब आपका वक्त और तकदीर साथ देनी शुरू करती है। तो सारे काम आपके हिसाब से होंगे। और सारा फैसला आओके तरफ होगा।

जब बुरा वक्त आता है तो अपने पराए सबकी अनुभूति होती है। सबका परिचय अपने आप दिखने लगता है।


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