प्यार का नहीं भाषा का अन्तर है
प्यार का नहीं भाषा का अन्तर है
"क्या विन्नी तुमने अपने बेटे को इग्लिश में बोलना नहीं सिखाया मेरे तो दोनों बेटे इग्लिश टू इग्लिश बात करते है।"
त्यौहार पर मायके आई विन्नी अपनी छोटी बहन टोनी के दस साल के बेटे को हिंदी में बात करते देख बोलीं।तो बिन्नी मुस्करा कर रह गई।टोनी की बड़ी बहन विन्नी बचपन से ही दिखावे पर ज्यादा विश्वास करती थी।उनका मानना था कि जो जैसा दिखता है वैसा ही होता है। इसिलिये उन्होंने टोनी के बेटे को अपनी मातृभाषा में अपनी मामी और उनके बच्चों से बातें करते देखकर उसे ताना मारा था।
तभी विन्नी का छोटा बेटा रोते हुऐ उनसे अंग्रेजी में बोला...." मां यहां सभी लोग सिर्फ मौसी के बेटे को ही प्यार करते है उसी से दोस्ती करते है।मुझसे और भाई से तो कोई बात ही नहीं करता। मैं यहां बोर हो रहा हूं आप घर चलो।"
कई सालों बाद मायके आई विन्नी का अभी वापिस जाने का बिल्कुल मन नहीं था।पर वो भी देख रही थी कि उसके बच्चे जब भी यहां किसी के साथ खेलने या बात करने जाते है सभी अंग्रेजी में वही घिसे पिटे से जबाव देकर निकल जाते है।और वहीं टोनी के बेटे के साथ सभी खुलकर बोलते और खिलखिलाकर हंसते। आखिर क्यों? यहां पर भी तो सभी पढ़े लिखे बच्चे हैं!फिर क्यों उसके बेटों से बात करने में सभी इतना कतराते है?
अपनी बड़ी बहन को यूं विचारों में खोया देखकर टोनी उनके पास आकर बोली....
" दीदी आप बच्चों के बारे में सोचकर परेशान है न"?
"हां टोनी अब तो मुझे भी यही लग रहा है कि यहां सभी लोग सिर्फ तुम्हारे बेटे को प्यार करते है मेरे बच्चों को नहीं।देखो न मां भी मेरे बच्चों से कितना कम बोलती हैं।"
विन्नी दुखी होकर बोली तो टोनी ने उसे समझाते हुऐ कहा.....
" नहीं दीदी येसी बात नहीं है।सभी लोग आपके बच्चों को भी बहुत प्यार करते है।ये अन्तर जो आप देख रहीं है ये प्यार का नहीं भाषा का है।देखो दीदी आपके बच्चे खेलने में मां से बातें करने में सिर्फ अंग्रेजी का प्रयोग करते हैं और मेरा बेटा हिन्दी का।इसीलिए सभी लोग उससे ज्यादा जुड़ जाते है।
क्योंकि हम कितना भी अंग्रेजी में बोल ले पर जब तक अपनी मातृ भाषा हिन्दी में बात न करले तब तक हमें अच्छा नहीं लगता।ठीक उसी तरह जैसे जब हम मायके आकर मां से न मिल ले तब तक चैन नहीं पड़ता।
मैने अपने बेटे को बहुत अच्छे स्कूल में भेजा है।उसे भी अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान है।पर बात मैं उससे हिन्दी में ही करती हूं ताकि वो कभी भी अपनी मातृ भाषा से दूर न हो।आखिर हिन्दी ही तो है जो हमारे दिलों को जोड़ती है।इसीलिए मेरे बेटे से सभी जुड़ जाते हैं ।और आपके बच्चों से औपचारिक बातकर आगे बढ़ जाते है।
बच्चों को हर भाषा का ज्ञान हो ये अच्छी बात है।पर अपनी मातृभाषा को ही बच्चे न जाने ये तो सही नहीं है न।"
टोनी की बात सुनकर विन्नी सोचते हुऐ बोली .....
"सही बोल रही हो तुम बहन मैं दिखावे में इतना विश्वास करने लगी की बच्चों को अपनी जमीन अपनी भाषा से ही दूर कर दिया पर अब नहीं अब में आज से बल्कि अभी से बच्चों से हिन्दी में बात करना शुरू करूंगी और उन्हें हिन्दी का ज्ञान भी दूंगी ताकि वो भी सभी से दिल से जुड़ सकें।"
"हां दीदी फिर बच्चों को भी ये नहीं लगेगा कि यहां सब उनसे प्यार नहीं करता। आखिर हम हिन्दी वाले है हिन्दी सीखकर वो भी अपनी मातृभाषा के साथ सभी के दिलों से जुड़ जायेंगें।"
कहते हुऐ टोनी ने विन्नी को गले लगा लिया।विन्नी ने भी दिखावे को झटक अपनी छोटी बहन को बाहों में भर लिया।