Akankshyamayee Dash

Abstract Classics Inspirational

4.7  

Akankshyamayee Dash

Abstract Classics Inspirational

: परिवार :

: परिवार :

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"जहां प्यार और परिवार के एक ही मायने हों, वहां हमेशा सुख का वास होता हैबाकी समाज बदल सकता है, पर परिवार‌ हमेशा साथ रहता है "

भारत में परिवार का महत्व बहुत ज्यादा है। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि एक विदेशी चैट शो में जब ऐश्वर्या राय से पूछा गया कि क्या ये सच है कि वह अभी भी अपने माता-पिता के साथ रहती हैं? जवाब में ऐश्वर्या ने कहा- हां। भारतीयों का अपने माता-पिता के साथ रहना बहुत आम बात है क्योंकि हमें डिनर या लंच पर अपने माता-पिता से मिलने के लिए अपॉइंटमेंट नहीं लेनी पड़ती। कुछ इसी तरह यहां की फिल्मों में भी परिवार की अहमियत दिखाई जाती है। ऐसी कई फिल्में बनी हैं जो पारिवारिक हैं। आज हम आपके लिए बॉलीवुड फिल्मों के कुछ ऐसे डायलॉग्स लेकर आये हैं, जिन्हें आप अपने परिवार को समर्पित कर सकते हैं। 

एकगाँव में एक सुखी परिवार रहता था, मेरे परिवार में ६ लोग है ॥ मे, मेरे माता पिता, दादा दादी और मेरा भाई रहते हैं॥ मेरे पापा घर के मुख्य हैं और सरकारी नौकरी करते हैं, मेरी माँ घर के देखभाल करने के साथ साथ सरकारी स्कूल में भी पढाती हैं॥ मेरे दादा जी भी एक रीटायर सरकारी आफीसर हैं॥ यह मरी छोटी सी दुनिया है॥ और में अपने परिवार से बहुत प्यार करती हूं॥ 

और दुनिया में वही लोग खुस कीसमत होता है जो अपने परिवार के साथ मिलकर रहते हैं॥ हमारे परिवार हमारी पहली सांस से लेकर हमारे आखिरी तक हमारे साथ रहते ही। वे हमें उस नींव के साथ प्रदान करते है जिस पर हम खुद का निर्माण करते हैं।

मेरे लिए, मेरा परिवार खुद का एक बिस्तार है। हमारा परिवार एक छोटे से गाओ में रहेता है। मेरे परिवार में मेरी माता - पिता, में,मेरा एक भाई और मेरे एक प्यारी सी बूढ़ी मा भी रहेती है जो कि मेरे से ब हत ही ज्यादा प्यार करती है और में भी उनसे बहत प्यार करती हूं, मेरे माता पिता दोनों ही नौकरी करते है। हप्ते मे बस एक दिन ही ऐसा दिन आता है जिस दोनों मेरे माता पिता के साथ में अपनी बक्त बिताती हूं। और बाकी दिन मेरे माता पिता काम से ब्यास्थरहते है। ओर जब हम रात को खाना खाते है त ब भी में बहुत खुश रहती हूं क्यों कि पूरा परिवार उस समय साथ में रहता है। में मेरे परिवार से बहत प्यार करती हूं। परिवार हमारी नींव है। यह परिवार के माध्यम से है की हम दुनिया के साथ अपनी पहली बातचीत सीखे। यह हमें सिखाता है कि कैसे प्यार करना और प्यार देना है, कैसे समर्थन की पेशकश करना ओरप्राप्त करना है और कैसे अपना संबानअर्जित करते हुए दूसरो का सम्मान करना है।  

   परिवार से सबसे पहला और सबसे बुनियादी है जो हम अपने जीवन में बनाते है। यह बह साधन होता है जो हमें जिन्दगी में काम करने के लिए प्रोस्ताहित करता है और हमें एक अच्छा इंसान बनाता है।

सभ्य परिवारों के समूह से सभ्य समाज का निर्माण होता है। व्यक्ति का परिवार उसका छोटा संसार होता है। हमारे पालन पोषणके हमारा परिवार अपनी पहली प्राथमिकता समझता है। समाज में पहचान परिवार के माध्यम से मिलती है। इसीलिए हर म।थने में व्यक्ति के लिए उसका परिवार सर्वाधिक गुरुत्व पूर्ण है। सभ्य परीब।रे के समूह से सभ्य समाज निर्माण होता है। व्यक्ति की हर परिसानी परिवार कै सहजोग से आसानी सहले हो सकती है। परिवार व्यक्ति को मजबूर रूप से भावनात्मक सहारा प्रदान करता है। जीवन में सब कुछ पा कर पाने के काबिलियत हमे, परिवार माध्यम से प्रदान को जाती है 

इंसान हो था, जानवर,सभी को अपने परिवार से प्रेम होता है। प्रतेक मनुष्य के लिए महत्वपूर्ण होता है " परिवार "। मेरा परिवार मुझे बहत स्नेह करता है। सबसे ज्यादा सुरक्षित हम अपने परिवार के साथ ही होते है। परिवार का प्रेम और साथ होने से हम किसी भी मुश्किल का सामना आसानी से कर सकते है। परिवार हर इंसान की अमूल्य निधि होती है। यह इंसान का ताकत होता है। लोग जाहाँ मील जुलकर रहते उसे उसे परिवार कहते हैं परिवार एक घर को लेकर और कभी कभी एक गाँव को बनता है क्युकिसब एक परिवार की तरह मील जुलकर रहते हैं॥ मेरे छोटा सा दुनिया है मेरा परिवार हम सब मिल जुल कर सब रहते हैं और सुख दुःख बाटते॥ हर तैयार हल साथ मील कर मनाते हैं॥ हम जहाँ जते है वाहा एक परिवार जेसा माहौल बन जाता है हमारे दोस्तों भी हमारे परिवार जेसे हो जाते हैं॥ सारा बहुधा हमारा परिवार है॥ इतना तो तय है के परिवार न हो तो मानव जीवन की कल्पना भी बेईमानी होगी। परिवार के बिना तो मनुष्य पशु – तुल्य है। कई युग बीते संस्कृति, सभ्यता भी बदली यहां तक के परिवार का स्वरूप भी बदल गया परन्तु परिवार के अस्तित्व और उसके मूल्य नहीं बदल पाए और दुनिया कितनी भी आधुनिक और मशीनी क्यों न हो जाए, परिवार के अस्तित्व को कम नहीं किया जा सकता है। जब तक प्रेम सौहार्द और अपनापन है तब तक परिवार युहीं अपने साथ इस सृष्टि युगों तक इसी तरह चलायमान रखेंगे।

एक व्यक्ति जब अपने कर्म-क्षेत्र में काम करने जाता है, उसे पूरा समय ऐसे‌‌ कई लोग या हालातों का सामना करना पड़ता है जो‌‌ उसके लिए नाखुशी के कारण होते हैं। दिन भर घर परिवार से दूर रहने के बाद जब वह घर वापस लौटता है, तो उसे एक अपनेपन की बेहद जरूरत होती है। इसी जरूरत को पूरा करने में सक्षम होता है उसका अपना परिवार। परिवार के सदस्यों के साथ वक्त बिताने से दिन‌‌की सारी नाखुशी और थकावट दूर हो जाती है। दिल में अपनापन और शांति छा जाती है। परिवार के साथ बिताए खुशनुमा पल और परिवार का सौहार्द भरा माहौल इंसान की हर परेशानी को भुला सकता है।

परिवार ही हमारे लिए हमारा दुनिया है।

और हमें उसके साथ हमेशा वक्त बिताना चाहिए।


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