परी की कहानी
परी की कहानी
एक बार की बात है। किसी गांव में एक लड़की रहती थी। उस लड़की का नाम संगीता था। उस लड़की के माता-पिता नहीं थे। इसलिए वह अपने चाचा चाची के घर में रहती थी। चाचा चाची की खुद की एक लड़की भी थी। वह अपनी लड़की को ज्यादा प्यार करता था। उनकी लड़की का नाम गीता था। चाची संगीता से सारा दिन काम करवाती।
संगीत सबसे पहले उठती है। सुबह उठने के बाद वह घर का सारा काम करती थी। छोटे काम से लेकर बड़े काम तक। जब वह सारा काम करता है उसके काम मे कोई मदद भी नही करते बल्कि काम मे कमी निकाल कर उस पर गुस्सा होते फिर भी संगीता उन्हें कुछ ना कहती । वही गीता जो सुबह 8 बजे उठती है तो कभी 10 बजे फिर भी उसे कोई कुछ नहीं कहता। वह कुछ भी काम नहीं करती। यहां तक की वह अपना काम भी खुद नहीं करती।
एक बार की बात है। घर पर कुछ मेहमान आए थे। संगीता ने सारा खाना बनाया। लेकिन गलती से खाने में थोड़ी कमी हो गई। इस पर संगीता की चाची क्रोधित हो गई। चाची ने सजा के तौर पर उसे घर से निकाल दिया। संगीता बहुत रो रही थी। वह कह रही थी कि चाची तुम्हारे अलावा मेरा कोई भी नहीं है। मैंने कहा जायूं और क्या करू।
फिर भी चाचा चाची ने उसकी एक बात ना सुनी और उसे घर से बहर कर दिया। संगीता घर से बहार होने के बाद जंगल का रास्ता चुनें। वह जंगल में चली गई । शाम के समय वह जंगल के बीच पहुंच गई। जंगल के बीच में उसे एक झोपड़ी नजर आई। संगीत मदद के लिए झोपड़ी में गई। उस झोपड़ी में एक बूढ़ी औरत थी। उस औरत ने लड़की से पूछा तुम कौन हो और कहा से आई हो। इस पर संगीता ने अपनी सारी बात बता दी और रोने लगी। बूढ़ी औरत ने कहा जिसका कोई नहीं होता उसका ऊपर वाला होता है। बूढ़ी औरत ने उस लड़की को अपनी झोपड़ी में रख लिया।
वह उस बूढ़ी औरत का पूरा काम करती थी। एक साल बाद बूढ़ी औरत को जानकारी मिली कि राजकुमार के लिए लड़की की तलाश की जा रही है। इस बात को बूढ़ी औरत ने लड़की को बताया और कहा कि तुम राजकुमारी बनना चाहती हो। इस पर लड़की ने कहा, पर कैसे मां। बूढ़ी औरत तुरंत परी में बदल दी गई। और बोली, मैं एक परी हूँ।
मैं तुम्हारी मेहनत से बहुत खुश हो। अब तुम्हे एक राजकुमारी बना दूंगी । कहने के बाद वह आम लड़की राजकुमार बन गई और उसकी शादी राजकुमार से हो गई। वही संगीता के चाचा चाची गरीब हो गए। गीता के आलस के कारण उसे कई तरह की बीमारी भी हो गई।
