राक्षस उससे कहता है कि अगर वह काम नही बताया तो वह उसे खा लेगा। तब ब्राह्मण घबरा जाता है राक्षस उससे कहता है कि अगर वह काम नही बताया तो वह उसे खा लेगा। तब ब्राह्मण घबरा ...
लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनु: आ. चारुमति रामदास लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनु: आ. चारुमति रामदास
मैं तुम्हें यह जादुई पत्थर का टुकड़ा दो दिन के लिए दे कर, कहीं दूसरे गाँव जा रहा हूँ। मैं तुम्हें यह जादुई पत्थर का टुकड़ा दो दिन के लिए दे कर, कहीं दूसरे गाँव जा रहा...
उसकी पीड़ा आँखों से बह रही थी , और मुझे लग रहा था ये दिन उसके भी कितने मुश्किल से कट रहे उसकी पीड़ा आँखों से बह रही थी , और मुझे लग रहा था ये दिन उसके भी कितने मुश्किल से...
और यह देखो, नैना तो अपने आप को समेटते हुए उठकर जा भी चुकी है...और उसके पीछे पीछे जिम्मेदारी भी..। औ... और यह देखो, नैना तो अपने आप को समेटते हुए उठकर जा भी चुकी है...और उसके पीछे पीछे...
धीरे धीरे चंदन के सभी वृक्ष खत्म हो लगे और आखिर में सिर्फ एक वृक्ष बचा धीरे धीरे चंदन के सभी वृक्ष खत्म हो लगे और आखिर में सिर्फ एक वृक्ष बचा