हिंदी भाषियों के लिए मेरी यह एक मामूली सी कोशिश है। हिंदी भाषियों के लिए मेरी यह एक मामूली सी कोशिश है।
तू नहीं समझेगी तो और कौन समझेगा। यूँ ही ‛गरिमा’ नहीं रख दिया तेरा नाम तू नहीं समझेगी तो और कौन समझेगा। यूँ ही ‛गरिमा’ नहीं रख दिया तेरा नाम
उसे लिखकर मैं अपने स्कूल में प्रथम आती थी उसे लिखकर मैं अपने स्कूल में प्रथम आती थी
धीरे धीरे चंदन के सभी वृक्ष खत्म हो लगे और आखिर में सिर्फ एक वृक्ष बचा धीरे धीरे चंदन के सभी वृक्ष खत्म हो लगे और आखिर में सिर्फ एक वृक्ष बचा