घर परिवार की दुहाई दे कर रमाया जाता है......क्या मैं गलत कह रही हूँ ? घर परिवार की दुहाई दे कर रमाया जाता है......क्या मैं गलत कह रही हूँ ?
वह हतप्रभ, मालकिन का मुंह ताकती रह गई। वह हतप्रभ, मालकिन का मुंह ताकती रह गई।
सिम्मी की आँखों में अब आँसू आ गए थे। उसे मम्मी की बहुत याद आ रही थी सिम्मी की आँखों में अब आँसू आ गए थे। उसे मम्मी की बहुत याद आ रही थी
पैरों की चंपी कर दे और मशीन से कपड़े निकालकर सुखा, कठपुतली इतना ही बोली जी माँजी। पैरों की चंपी कर दे और मशीन से कपड़े निकालकर सुखा, कठपुतली इतना ही बोली जी माँजी...
रिश्ते तो प्यार और परवाह से बनते हैं, मेरी संपत्ति की सही हकदार तुम ही हो नीना ! रिश्ते तो प्यार और परवाह से बनते हैं, मेरी संपत्ति की सही हकदार तुम ही हो नीना !
भीमा को भी समझने में देर नहीं लगी कि मैंने क्या बोया और क्या पाया है। भीमा को भी समझने में देर नहीं लगी कि मैंने क्या बोया और क्या पाया है।