प्रेम की परिभाषा
प्रेम की परिभाषा
प्रीति अपने प्रेमी अजय के साथ अपनी माँ के गहने लेकर घर से निकल गई। उन दोनों ने अब एक साथ जीने मरने का फैसला कर लिया था। वो दोनों दूसरे शहर में जाकर रहने लगे जहां उन्हें कोई ना पहचान सके। उधर कॉलोनी वालों ने प्रीति के माँ बाप का जीना हराम कर दिया। कैसी नालायक को जन्म दिया जो घर से भाग गई, कुलक्षणी इत्यादि इत्यादि। घर की दीवारों पर भी अश्लील बातें लिख दी गई।समय बिता तो जो अजय प्रेम में मरने मिटने की कसम खाता था वो खाने पीने के पैसे खत्म होने पर बदल गया। अब वह प्रीति से मार पीट करता रहता। जिस दिन प्रीति ने अपने गर्भवती होने की खबर उसे दी वह उसी दिन गायब हो गया। अब प्रीति शहर में अकेली जाए तो कहां जाए। अजय के ना मिलने पर वह ना चाहते हुए भी अपने माँ बाप के घर चल दी।
उधर माँ बाप जो उसे ढूंढकर थक चुके थे, उन्होंने भी दिल पर पत्थर रखकर उसे भुला दिया। कॉलोनी वाले भी अब शांत हो गए थे।जैसे ही प्रीति अपने माँ बाप के घर पहुंची। कॉलोनी वालों ने उसके माँ बाप पर लांछन लगाना शुरू कर दिए। सबने मिलकर कहा कि ये परिवार यहां नही रहेगा हमारी बहु बेटियों पर गलत असर पड़ेगा।
प्रीति के मां बाप बाहर आये और सब से हाथ पैर जोड़कर रहम की दुआ मांगी। फिर कहीं जाकर कॉलोनी वाले शांत हुए।प्रीति को देख माँ बाप का खुशी का ठिकाना न रहा। माँ प्रीति को गले लगा खूब रोई। प्रीति के पिता ने उसे को हिम्मत दी और कहा कि जो हो गया उसे भूल जाओ। इस बच्चे को जन्म दो हम पालेंगे और उसके बाद तुम जिंदगी की नई शुरुआत करो।
वह प्रीति जो अपने माँ बाप से बगावत कर एक धूर्त व्यक्ति के साथ भाग गई थी अब उसे अपने आप पर आत्मग्लानि हो रही थी।प्रीति ने जो प्यार किया था वह एक धोखा था लेकिन जो प्यार उसे मिल रहा था उस प्यार को परिभाषित करना मुश्किल था।
