Avinash Agnihotri

Drama Tragedy

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Avinash Agnihotri

Drama Tragedy

प्रार्थना

प्रार्थना

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गर्मी के दिन दोपहर का समय, सूरज के तीखे तेवर देख जहाँ प्रायः सभी ठंडी जगह तलाशते हुए। ईश्वर से अब इस गर्मी से कुछ राहत देने की कामना कर रहे है। वहीं सुखिया, एक हाथ ठेले पर मटको की अपनी छोटी सी दुकान सजा। नंगे पैर अंगोछे से अपना पसीना पोंछते ग्राहक की तलाश में गली गली आवाज लगा रहा है। और साथ ही साथ मन में, ईश्वर से बस यही प्रार्थना करता है। कि अभी कुछ दिन ओर ऐसी ही गर्मी पड़े। ताकि उसके बनाए सारे मटके बिक जाए। और आने वाली बरसात के दिनों में, उसे ओर उसके बच्चों को भूखे न रहना पड़े।



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