पीड़ा
पीड़ा
मैं कई दिनों से अपने बढ़ते वेट से परेशान थी, बेटी हुई तो नई -नई माँ बच्चे को संभाल नहीं पाती और अपने प्रति लापरवाह हो जाती है ठीक से सो नहीं पाती माँ, और कुछ भी खा लिया जो मिल गया क्योंकि बच्चे के साथ समझ नहीं आता है ,खाना बनाने का टाइम ठीक से मिलता नहीं ,आजकल संयुक्त परिवार होते नहीं क्यों कि एकल परिवार का चलन है, सास- ससुर रहते नहीं साथ एक दिन में अपने फ्रेंड सर्किल में थी नीचे अपनी बेटी को बेबी ट्राली में घूमने ले गई तो एक मुंह फट फ्रेंड ने ताना कस दिया !
अरे यार काम्या तुम तो 100 किलोग्राम तक वज़न बढ़ाने का रिकॉर्ड तोड़ना है क्या ? मैं खिसियानी हंसी हंसकर रह गई बुरा तो लगा, घर आ कर आईने में देखा तो वाकई में बहुत चोड़ी हो गई थी। एक्सरसाइज की योगा करने लगी मगर मजाल के वज़न कम होने का नाम न ले।
अब में मायूस रहने लगी... एक दिन तो और भी हद हो गई मैं और मेरी फ्रेंड और बच्चों को लेकर लिफ्ट से ऊपर आ रहे थे कि हम 3 फ्लोर पर रहतें है और बाकी फ्रेंड 4-8 फ्लोर पर रहती है जैसे मेरे फ्लोर पर लिफ़्ट रुकी तो रिया मेरी फ्रेंड वही मुंह फट बोली चलो लिफ़्ट से नब्बे कलो का वज़न कम हो जाएगा। उस दिन तो मैं बहुत रोई, क्यों लोग मज़ाक़ बनाते हैं लोग"मोटापे" का क्या किसी के हाथ में होता है करीना- केटरीना जैसा बन जाना।
मेरे पति ने कहा तुम जैसी भी हो मेरे लिए सुन्दर हो कहने दो कोई कुछ कहता है तो तुम क्यों दिल पर लेती हो मैंने तुम्हें बहुत दुबला भी देखा है। बस तुम अपने बच्चें और मेरे लिए ख़ुश रहो।