पहचान
पहचान


हर किसी व्यक्ति में अपनी अलग विशेषता होती है जरूरत है तो उसे पहचानने की, लेकिन प्रशन यह उठता है कि उसे पहचाने कैसे ? आज के समय में जब हम किसी भी चीज़ के लिए समय नहीं मिलता और मानसिक तनाव तब बड़ जाता है जब हम कोई ऐसा काम करें जो हमे पसंद न हो लेकिन अपनी जीविका भी चलानी है तो कुछ तो करना ही होगा।
हाँ विशेषता जरूर होगी मेरे अंदर भी कोई लेकिन अभी क्या सोचना समय निकाल चुका है। अपने काम की लाइन बदली तो द्वारा जीरो से शुरुआत करनी होगी। अपनी पसंद का काम किया भी तो पैसा कहाँ से आएगा। इसी तरह के प्रशन मन में आते ही हम सब भूलकर वही करने लगते हैं जो हमने शायद खुद नहीं चुना था बल्कि किसी भी प्रभाव में वहां हैं।
पहचान हमारी ज़िंदगी बदल सकती हैं और पहचानना भी मुश्किल नहीं है मुश्किल है तो उस रास्ते पर चलना जिसपर आगे जाकर हमे खुशी मिलने वाली है। शुरुआत हमेशा से ही जीरो से की जाती है कर शुरुआत की जाए, एहम ये नहीं बल्कि शुरुआत की जाए ये एहम हैं । अपनी जिंदगी में खुशी पाने का सबसे अचूक फार्मूला यही है कि वही काम करें जो आपको करने में मज़ा आता है और उस काम को सीखने व शुरआत करने के लिए दृड़ निश्चय करेंगे तो आपको कामियाबी ही नहीं बल्कि खुशी भी मिलेगी ही।
पहचाने अपनेआप को, की अपने जन्म ही क्यों लिया है इस दुनिया में।