पहाड़ नाम का एक पक्षी है।
पहाड़ नाम का एक पक्षी है।


पहाड़ नाम का एक पक्षी है
पिंजड़े में बंद पहाड़ उड़ना चाहता है।
पूर्वज की फोटो घर में टाँग दी जाए
तो पहाड़ रह जायेगा।
पक्षी उड़कर उस धौलागिरि पर बैठ गया
क्या पहाड़ उड़कर घर तक आ सकता है।
उस पर फिर लिख दिया जाये
मेरे प्रिय पूर्वज का नाम
जो कई देस घूमा कई भाषा बोली।
आदिवासियों में रहा, खाया पिया
लंगोट धारी वो
सेतु सा कल आज कल को जोड़ता
पहाड़ पर चढ़ गाये जाएँ गीत
जो वो बटोर लाया था
अपनी यात्राओं से
पूर्वज नाम का एक पहाड़ है
जो मेरे घर के बाहर रहता है।