पानी का आखिरी गिलास
पानी का आखिरी गिलास
राहुल एक पंद्रह वर्षीय लड़का था। वह पढ़ाई-लिखाई, खेल-कूद हर काम में कुशल था। बस उसकी एक ही बुरी आदत थी और वो थी, पानी की बरबादी करना। उसको पानी से खेलना पसंद था, इसलिए वह पानी का ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल किया करता था। उसके मम्मी पापा उसे बहुत समझाते, पर वह किसी की भी बात नहीं सुनता था।
एक दिन राहुल अपने बाथरूम में ब्रश कर रहा था, तभी उसके पापा उसके कमरे में आए। उन्होंने देखा कि राहुल ने पानी का नल चला रखा था। राहुल के पापा ने ये देखकर उससे कहा,"बेटा तुमने नल क्यों चला रखा है, देखो कितना पानी व्यर्थ बह रहा है। इसे बंद कर दो, जब तुम्हें कुल्ला करना हो तब नल चला लेना।"
उनकी बात सुनकर राहुल ने नल बंद कर दिया और उनके जाने के बाद राहुल ने फिर से नल चला लिया। ब्रश करके वह नाश्ता करने चला गया और उसके बाद अपने कमरे में जाकर मोबाइल पर गेम खेलने लग गया। कुछ समय बाद राहुल की मम्मी उसके कमरे में आई और बोली,"राहुल पहले उठकर नहा ले।"
राहुल,"मम्मी आप बाल्टी में पानी भरने के लिए रख दो, बाल्टी भरते ही मैं नहाने चला जाऊँगा।"
उसकी मम्मी ने वैसा ही किया और कमरे से जाते-जाते राहुल से बोली,"अभी गेम खेलना बंद कर दे, गेम के चक्कर में भूल मत जाना।"
राहुल,"नहीं भूलूंगा मम्मी।"
फिर उसकी मम्मी वहां से चली गई और लगभग दस मिनट बाद वापिस आई और राहुल से बोली,"नहा लिया बेटा??"
राहुल,"बस मम्मी दो मिनट जा ही रहा हूं।"
"अभी तक तू नहाया ही नहीं और तूने नल बंद कर दिया था या वो भी नहीं किया??"
राहुल,"मैं भूल गया मम्मी।"
तभी उसकी मम्मी नल बंद करने के लिए बाथरूम में गई और इतने व्यर्थ गए पानी को देखकर गुस्सा करते हुए बोली,"राहुल तुम्हें कब पानी की महत्ता की समझ आएगी। जो लोग राजस्थान या ऐसे इलाकों में रहते हैं, यहां पानी की कमी है, उनसे पूछ कर देखो कि कैसे गुजारा करते हैं वो।"
राहुल,"मम्मी उनके पास पानी की कमी है तो ये उनकी प्रोब्लम है। हमारे यहां तो चौबीस घंटे पानी आता है तो हमें इतना सोचने की जरूरत नहीं।"
मम्मी गुस्से में,"और अगर किसी दिन पानी ना आया तो??"
राहुल,"ऐसा कभी नहीं होगा मम्मी और अगर हुआ तो तब की तब देखेंगे।"
उसकी मम्मी और कुछ बोलती, इससे पहले ही वह नहाने के लिए चला गया। ऐसे ही दिन गुजरते गए, पर राहुल की इस आदत में कोई सुधार नहीं हुआ। पीने का पानी भी वो ऐसे ही व्यर्थ करता था, दो घूंट पानी पीने के लिए पूरा गिलास पानी का भरता और बाकी पानी फेंक देता।
एक दिन रात का खाना खाने के बाद उसके पापा टीवी पर समाचार देख रहे थे कि तभी उसमें खबर आई कि शहर की मेन पाइप में गड़बड़ी के कारण कुछ दिनों तक पानी नहीं आएगा। ये खबर देखते ही राहुल के मम्मी-पापा ने उससे कहा,"लो हो गई पानी की किल्लत, राहुल अब तुम सोच समझकर पानी का इस्तेमाल करना। पता नहीं कितने दिन तक पानी ना आए।"
राहुल,"मम्मी-पापा आप चिंता मत कीजिए। मैं ध्यान रखूंगा।"
पर अगले दिन फिर राहुल ने वैसा ही किया और सोचा कि इतने से पानी को इस्तेमाल करने से क्या फर्क पड़ेगा। शाम होते ही पानी की टंकी के साथ-साथ पीने का पानी भी खत्म हो गया, क्योंकि राहुल ने दो घूंट पानी के लिए भी न जाने कितनी बार पूरा गिलास पानी का भरकर फेंक दिया।
जब उसके मम्मी पापा को इस बात का पता चला तो वो बहुत गुस्सा हुए और बोले,"हमने तुम्हें पहले ही कहा था कि पानी का सोच समझकर इस्तेमाल करना। अब देखो क्या हुआ, पूरे घर में सिर्फ एक गिलास ही पानी का है और टंकी में भी ना के बराबर ही पानी है।"
राहुल,"कोई बात नहीं मम्मी, कुछ देर में पानी आ जाएगा।"
तभी टीवी पर खबर आई कि अभी दो दिन तक पानी नहीं आएगा। ये खबर सुनकर और घर में पानी की किल्लत को देखकर राहुल को अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने अपने मम्मी पापा से माफ़ी मांगी और वादा किया कि आज के बाद वो कभी पानी व्यर्थ नहीं करेगा।
उसकी ये बात सुनकर उसके मम्मी पापा बहुत खुश हुए और गुजारे के लिए टैंकर के पानी की व्यवस्था कर ली।
राहुल पर भी इस बात का इतना असर हुआ कि अब वह पानी का सोच समझकर इस्तेमाल करता है और उसने बड़ा होने पर "जल ही जीवन है" के नाम से एक संस्था भी बनाई। जिसमें वह लोगों को पानी की महत्ता के बारे में जागरूक करता है।