A T

Action Classics Inspirational

4.5  

A T

Action Classics Inspirational

नसीहत

नसीहत

3 mins
223


लालाजी बहुत ही लालची हैं। पूरा गांव उनकी स्वभाव से ना खूश‌ था। एक तो‌ वो गांव का सरपंच भी है‌ और उस हैसियत से जो हक हैं उसका वो‌ गलत इस्तेमाल करके हर हिसाब से खुद का ही फायदा देखते हैं। उनकी बेटी और पत्नी भी इनके इस स्वभाव से ना खूश‌ है। लेकिन लालाजी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उनकी बेटी आगे की पढ़ाई करने हेतु शहर गुई। उदर‌ वो पढ़ाई के साथ ‌‌‌‌‌साथ समाज सेवा में अपना योगदान दे रही है। लालाजी को इस के बारे में बिल्कुल भी नही बताया नहीं तो ओ तुरंत उसका पढ़ाई बंद करवा के गांव वापस बुला लेते। उनकी बेटी शहर में एक घर किराए ‌‌‌‌‌मे लेकर एक संस्था खेलकर लोगों की सेवा में लगी थी। उसको बहुत सारे दोस्त भी मिले जो समाज कि सेवा करना चाहते हैं। तो ऐसा उनकी संस्था चल पड़ी। एक दिन लालाजी को शहर में कुछ काम पड़ी। ओ अपने बेटी को मिलने गए, तो क्या देखते ऊं, उनकी बेटी अपनी पैसा खर्च करके समाज सेवा के नाम से लोगों को खाना खिला रही है। ओ गुस्से से आग बबूला हो कर बेटी को गांव वापस ले आएं हैं। उनकी पत्नी और बेटी कुछ नहीं बोल पाए‌ । समय गुजर रहा है। कुछ महीनों बाद लालाजी की कोई रिश्तेदार के ‌‌‌‌धर से शादी का न्योता आया। लालाजी अपने परिवार के साथ शहर की तरफ निकल पड़े। ओ‌ जिस बस में सवार थे,कुछ दूर जाकर तकनीकी खराबी से बंद पड़ी। अब बस में सवार लोग अपने अपने समान‌ लेकर चलने लगे।

कुछ समय चलने के बाद सबको प्यास लगी। बोतल में जो पानी था वो भी पी चुके थे। और आगे चलकर जाना किसी के बस में न‌ था। भूख से सबको कमजोरी भी हो गया था। कुछ देर इसी अवस्था में चलने के बाद उनको एक मकान दिखी। लालाजी और उनकी पत्नी और बेटी के साथ उस मकान के पास गए। ओ‌‌ एक अनाथ आश्रम था। लालाजी‌ उस मकान के पास खड़े होकर जोर से आवाज लगाई। तो अंदर से एक बुजुर्ग महिला और चार पांच लड़के लड़किया बहार आएं। लालाजी के हालत देख उनको ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌पानी‌ पिलाया। उन‌ तीनों को आराम करने के लिए‌ कमरे में बिठाया। कुछ देर बाद उनको खाना भी खीलाया। तब जाकर लालाजी को जान‌ में जान‌ आई। उनकी पत्नी और बेटी ने लालाजी के हालत देखकर समझ गए कि लालाजी को ए एहसास हो रहा है कि भूख से लोगों का क्या हाल होता है। तब उनकी  पत्नी ने उनको ए नसीहत दी कि हम अपने गांव वापस जाने के बाद एक अनाथ आश्रम खोलते हैं और जितनी हमारे बस में है समाज सेवा में अपना योगदान देते ‌‌‌‌है। ऐ बात सुनकर एक व्यक्ति सबसे ज्यादा खुश थी। जी हां और कोई नहीं उनकी बेटी जिसने अपनी लालची पिता में बदलाव देख बहुत ज्यादा प्रसन्न थी।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Action