नल्ले की नौकरी (भाबी जी घर पर है)
नल्ले की नौकरी (भाबी जी घर पर है)
सूटेड बूटेड विभूति नारायण मिश्रा को देखकर मनमोहन तिवारी हँस कर बोला, "क्यों नल्ले........भभूति जी कहाँ चले बनठन कर ?"
"तिवारी हम है ही ऐसे कि बनठन सके, तुम जैसा कच्छा बनियान बेचने वाला इंसान क्या बनेगा या थनेगा ?" विभूति हँसकर बोला।
"चुप कर नल्ले......."
"अबे तिवारी सुबह-सुबह दिमाग का दही न कर, बिग मैन कंपनी में इंटरव्यू है आज अपना......."
"अबे क्यों इंटरव्यू के चक्कर में पड़ रहा है, मेरी दुकान में सेल्समैन की नौकरी कर ले पाँच हजार रुपया महीने के दूँगा......." मनमोहन तिवारी हँस कर बोला।
"अबे कच्चे बनियान बेचने से तो अच्छा है कि........" विभूति कहते-कहते रुक गया और मोहल्ले से बाहर निकल गया।
इंटरव्यू
"मिस्टर विभूति नारायण मिश्रा आपकी पर्स्नालिटी को देख कर लगता है आप हमारी कंपनी के प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए परफेक्ट कैंडिडेट हो........" इंटरव्यू लेने वाला अकेला मोटा सेठ बोला।
"थैंक्यू सर........"
"तो ठीक है मिश्रा जी कल से आप जॉब पर आ जाओ, आपकी पगार चार हजार रूपये महीना होगी, यदि महीने के दस हजार प्रोडक्ट बेच लोगे तो हजार रूपये कमीशन के मिलेंगे।" मोटा सेठ हँसकर बोला।
"ठीक है सर, आपकी कंपनी के प्रोडक्ट क्या है ?"
"हमने बिग मैन नाम से कच्छा बनियान बनाये है, वही कच्छा बनियान आपको साइकिल पर लाद गली-गली बेचने है।"
"कच्छा-बनियान ? वो भी साईकल पर लाद कर ?" कहकर विभूति उस ऑफिस से ऐसे भागा जैसे उसके पीछे भूत लग गया हो।