Shailaja Bhattad

Inspirational

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Shailaja Bhattad

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नई सोच

नई सोच

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विद्यालय में आज "मदर्स डे" पर सभी बच्चों ने अपने-अपने अनुभव साझा किए। सभी ने विद्यार्थियों के अनुभवों को सराहा, लेकिन ऋषभ ने जो कहा वह सबके लिए प्रेरणा थी उसने मदर्स डे की उसके घर की दिनचर्या कुछ इस तरह सुनाई- "मेरी मां और दादी ने सुबह उठते ही "फुल बॉडी चेकअप" करवाया, फिर उन्होंने कल से ही योगा क्लास शुरू की, अब वे सुबह-शाम दोनों समय योगा करने लगी हैं, नाश्ता करने के बाद मां और दादी ने मोहल्ले की सभी माताओं व हम बच्चों के साथ मिलकर वृक्षारोपण का कार्यक्रम रखा, सौ पौधों को सड़क के दोनों ओर कतार में लगाया गया, संध्या काल में घर में भजन का कार्यक्रम रखा गया, जिसमें पूरे मोहल्ले के लोगों को आमंत्रित किया गया और सभी को घर में बनाया हुआ प्रसाद ही दिया गया। दादी की इच्छानुसार वृद्धाश्रम के बुजुर्गों को भी भजन के कार्यक्रम में बुलाया गया। इस तरह हमारे मोहल्ले व हमारे घर में मदर्स डे सिर्फ़ मदर्स डे ही नहीं रहा बल्कि बाल दिवस और पर्यावरण दिवस भी बन गया, क्योंकि हम सभी बच्चे भी सुबह से लेकर रात तक की गतिविधियों में शामिल थे।"

ऋषभ की बात पूरी होते ही पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा ।


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