नेटवर्क ग़ायब

नेटवर्क ग़ायब

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आज मेरा 20 वां दिन था मेरा जीवन मेरे शब्द के प्रतियोगिता में जहाँ एक उम्मीद के साथ मैं अपनी सोच और परिस्थिति को दुनिया के साथ शेयर करता हूँ।


सुबह जब चाय से फुरसत मिली बैठ गया, अलाव जलाकर लिखने के लिए मगर जैसे ही हमने नेटवर्क डाटा आन किया तुरन्त एक मैसेज मिला भारत सरकार के आदेशानुसार आपके क्षेत्र में डाटा सेवा बन्द कर दिया गया है। जिसमें कोई निश्चित समय का उल्लेख नहीं था।


मन में एक अजीब सी चिंता होने लगी कि स्टोरी मिरर पर अब लिखना कैसे सम्भव होगा?


दरअसल इस समय हमारे देश में नागरिकता संशोधन बिल के पास हो जाने से बड़ा बवाल मचा हुआ है।

बवाल क्या राजनितिक पक्ष और विपक्ष की लड़ाई समझ लो।

पिस रही है जनता बिना कुछ समझे और जाने सिर्फ अपनों के उकसाने पर। किसी के पास कुछ जानने की और उसके बारे में पढ़ने की जरा भी फुरसत नहीं है।


दंगा-फसाद हर जगह मचाये हुये है, जो उपद्रवी स्वभाव के लोग है।

उन्हीं को नियंत्रित करने हेतु भारत सरकार ने यह कदम उठाया था।

लाख समझाया जा रहा है मगर जैसे उनके कान में कह दिया गया हो अब तो तुम भगा दिए जाओगे!


बड़ी हंसी आती है देश पर नाम से धर्मनिरपेक्ष देश मगर सहयोग के नाम पर जैसे नानी मर जाती है।


ख़ैर अपने से क्या लेना बाकी सब तो समझ ही रहे है, जो जरा भी पढ़ा-लिखा है। इस मामले पर भी राजनीति की रोटी सेंकी जा रही है।


हम तो बहुत डर गये थे आज जब डाटा बन्द का मैसेज पढ़ा। कश्मीर का वो मंजर जब धारा 370 हटाने के बाद महीनों सब नेटवर्क बन्द कर दिए गये थे और यही एक अच्छा तरीका भी था।


हमें लगा अब तो हम गये काम से जाने कितने दिन डाटा बन्द चले! कसम से हमें अपनी 19 दिन की मेहनत याद आ रही थी स्टोरी मिरर के शर्त के अनुसार।


मगर शाम को 5 बजे के बाद जब डाटा सेवा बहाल हुई, बड़ी प्रसन्नता हुई मन को! चलो अभी रात के 12 बजे तक टाइम रहता है सोचकर यही बस लिखनें बैठ गया..!


संयोग देखिये सुबह के चाय के साथ मेरे मन की परेशानी शुरु हुई और शाम को ठीक मेरे चाय के समय पर अपने आप दूर हो गयी।


इस लिए जीवन में हमें बहुत घबराकर और चिंतित होने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। सब कार्य अपने आप अपने समय पर सम्पन्न हो जाते है।

किन्तु मेरी चिंता तो बढ़ ही गयी थी...!


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