भारत में धर्म
भारत में धर्म
हमारे देश में विभिन्न धर्मो के अनुयायी रहते हैं ।एक तरह से यदि यह कहा जाए कि भारत धर्मों का मेला है ,अतिश्योक्ति नहीं होगी। किसी शायर ने पहले ही बता दिया है दुनिया को अपनी कलम से कि -" हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई,आपस में सब भाई-भाई.."
आप पूरे विश्व का भ्रमण करके देख लो भारत जैसा देश आपको कहीं नहीं मिलेगा । सभी धर्मो के बीच आपसी प्रेम की भावना परिलक्षित होती है ।हमारे देश के अन्तर्गत गंगा-जमुना से तुलना की गयी है तहज़ीब को..देश अपना बड़ा प्यारा और निराला था । गलत और स्वार्थ की राजनीति के चक्कर में हमारे प्रेम में ग्रहण लगता जा रहा है इधर कुछ वर्षों से ।
देश के प्रति प्रेम सबमें निहित है मगर सोच अब बदलती जा रही है । जो हमारे लिए और देश के लिए शुभ संकेत नहीं है ।आपसी सदभाव सहयोग की भावना आज भी भारत में जो विद्दमान है आपको और कहीं भी किसी देश में नहीं दिखेगी।
देश अपना महान् था ,
महान् है और हमेशा महान् रहेगा।
जब तक सूरज-चाँद रहेगा..!
जय-हिन्द ..जय भारत !
वन्देमातरम्..!