नाम में क्या रखा है
नाम में क्या रखा है
सुमन के मुँह दिखाई की रस्म थी पुष्पाजी सबको अपनी नई बहू का नाम कविता बता रही थी।
रस्म पूरी होते ही उसने पूछा मम्मीजी आपने मेरा नाम क्यों बदल दिया। देखो बेटा तुम्हारी जेठानी का नाम भी सुमन हैं और वो जब से इस घर में आई हैं उसने हम सबका जीना दुश्वार कर दिया है इसलिए आज से तुम्हारा नाम कविता और वैसे भी नाम में क्या रखा है।
सही कहा मम्मीजी नाम बदल देने से इंसान नहीं बदलता। मैं अपना नाम नहीं बदल सकती पर हाँ आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मैं आपको शिकायत का कोई मौका नहीं दूंगी।