नाख़ून टूट गए
नाख़ून टूट गए
अपनी बेटी के लम्बे नाखूनों को देखकर माँ ने कहा “अंतरा बेटी, कल रात हीं मैंने तुम्हें अपने नाखूनों को काटने के लिए कहा था,पर तुमने नहीं काटा|देखो तो कितने बड़े हो गये हैं|अगर टूट गए तो बहुत दर्द होगा”. ”अरे माँ,अभी नहीं|शाम को जब कॉलेज से लौटकर आउंगी,तब नेल आर्ट करुँगी|फिर देखना कितने सुंदर लगेंगे मेरे ये नाख़ून,|अंतरा चहकते हुए बोली।अच्छा अभी मैं चलती हूँ|इसके बाद दोनों के एक-दूसरे को बाय किया और अंतरा अपने कॉलेज निकल गई|
शाम को जब अंतरा लौटी तब उसके नाख़ून टूटे हुए थे और उनसे खून की धारा बह रही थी|माँ ने बेचैनी में पूछा,”क्या हुआ?कैसे
टूट गए नाख़ून?इससे अच्छा तो काट लिया होता| अंतरा माँ की बातों को सुनकर बिलख के रो पड़ी और बताया माँ, आज जब मैं ऑटो से लौट रही थी,तब कुछ लड़कों ने मेरे साथ बदतमीजी करने की कोशिश की|वे मेरे हाथों और कपड़ों को छूने लगे|जिसके कारण मैंने अपने हाथ और अपने नाखूनों से उनके मुंह और हाथ छिल दिए|बहुत ज़ोर से मारा मैंने|जिससे मेरे नाख़ून वहीँ टूट गये, और मैं वहां से भाग आई|वहां बहुत लोग थे पर किसी ने भी मेरी मदद नहीं की|
अपनी बात खत्म कर अंतरा सुबकते हुए अपनी से लिपट गई|माँ की आँखों से भी आंसू बहने लगे|वे सोचने लगी की अगर ये नाख़ून आज नहीं होते तो....|