मिलन अभी आधा अधूरा है

मिलन अभी आधा अधूरा है

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देवा अरे ओ देवा... बैरी पिया बड़ा बेदर्दी शश्।

तेरा नाटक फिर शुरू हो गया रूपसी सच में पूरी पागल है तू और ये किसकी याद में आइने के सामने हर पल पारो बनी रहती है वो सुमित अंकल के बेटे तापस के विरह में |तू पागल है क्या श्रावणी वो तापस तुझे मेरे लायक कहीं से भी लगता है क्या?? कहाँ मैं और कहाँ वो उससे प्यार करे मेरी जूती फिर ऐसा मजाक मत करना मुझसे।

पर रूपसी तुझे पता है न कि तेरी शादी उससे तय है फिर ऐसी बातें, श्रावणी शादी मैंने नहीं तय की जिसने तय की है वो खुद कर लेगा उससे। उफ्फ ये लड़की!!! तेरा कुछ नहीं हो सकता ,वैसे तापस दो दिन बाद वापस आ रहा है लंदन से पढ़ाई पूरी हो गयी उसकी ,तो मैं क्या करूँ! तुझे बड़ी फ़िक्र रहती है उसकी एक काम कर तू ही उससे कर ले ब्याह! सच में मैं कर लूँगी फिर मुझे कोसना मत रूपसी, हाँ तो जा कर ले न तुझे रोका किसने है!? अब कॉलेज चलें? हाँ।

अरे रूपसी बालकनी में आ तेरा देवा आ गया ,श्रावणी तू सुधरेगी नहीं कल ही मना किया न तुझे उसके नाम के चिढ़ाने से, रूपसी को अपने तरफ गुस्से में दौड़ता देख श्रावणी वहाँ से भाग निकली।

रूपसी ने अपनी अलमारी खोली कंचे, लट्टू, और तापस की तस्वीर, मुझसे बिना मिले चले गए थे न अब देखना कितना सताउंगी मैं तुम्हें तुम्हें चाहने के सिवा अपनी जिन्दगी में कुछ भी और नहीं चाहा और तुम यहाँ से लंदन उस समय गए जब मैं यहाँ नहीं थी एक पल भी ये नहीं सोचा जब मैं यहाँ लौटउँगी तो मेरा क्या हाल होगा!!! पर कोई नहीं अब मुझे भी मौका भी मिला है, रूपसी नीचे आ देख तापस आया है हम सबसे मिलने, मैं व्यस्त हूँ जिससे मिलने आया है उससे मिलकर चला जाए उफ्फ ये लड़की भी न!

मेरे शादी से मना कर देने के बाद तुमने एक बार भी मुझसे ये जानने की कोशिश नहीं की मैंने क्यों ऐसा किया न मनाने की कोशिश की ऊपर से श्रावणी से शादी के लिए सहमति भी दे दी। ये तुम ही हो न तापस जो मेरे बिना एक पल भी न जी पाने का दावा करते थे, ये तुम्हारा कौन सा प्यार था तापस? रूपसी किससे बातें कर रही है अकेले में? किसी से भी तो नहीं कहते हुए रूपसी ने तापस की तस्वीर जल्दी से अपनी अलमारी में छुपा दी।

ओह रूपसी तू ये हर समय अलमारी पकड़ के क्यों खड़ी रहती है? चल बाजार चल शॉपिंग करनी है, यार श्रावणी मेरा मन नहीं है तू चली जा, क्या यार शादी और मेहँदी के लिए लहंगे खरीदने हैं कैसी कजिन है तू ऐसे समय भी साथ नहीं दे रही चल न, मन ही मन रूपसी बुदबुदा रही थी और तू कहाँ समझ पायी मुझे जानती है न तापस मेरी जिन्दगी है फिर भी मैंने तुझसे चिढ़ कर मजाक किया कि तू ही शादी कर ले उससे और तूने उसे हकीकत में बदल दी बाकी का छोड़ तूने भी मुझे नहीं समझा | क्या यार रूपसी इतना भाव क्यों खा रही है अब चल न यार, ठीक है चलती हूँ।

यार रूपसी देख शादी मेरी है पर शॉपिंग तो मैं सारी तेरी पसंद से करूँगी तेरी चॉइस बहुत अच्छी है यार, भैया वो वाला लहंगा दिखाना, हाँ रूपसी जरा इसे ट्रायल कर न, पर मैं क्यों? अरे यार खुद पे समझ नहीं आता इसलिए, हाँ ठीक लग रहा है इसे ही ले लेते हैं।

मेहँदी की रस्में शुरू हो चुकी थी रूपसी सुन तू बाद में मेहँदी लगवा लेना पहले जरा छत पे जाकर कपड़े उठा ला, ठीक है श्रावणी मैं ले आती हूँ।

तापस तुम हो न खोलो मेरी आँखे हाथ हटाओ अपना मेरी आँखों पे से, कोई देखेगा तो क्या सोचेगा? सोचने दो जिसको जो सोचना है।पहले ये बताओ शादी से मना क्यों किया? अब इन सब बातों का कोई अर्थ रह गया क्या? जब पूछना चाहिए था तब तो............ आँखों की नमी आगे सब कुछ कह गयी। तब पूछता तो मान जाती मुझसे शादी के लिए बोलो मैंने सुना तुमने ही जिद ठानी थी कि तुम मुझसे...

जिद तो मैं बचपन में भी ठान दिया करती थी कि तुम्हारे साथ स्कूल नहीं जाऊंगी पर क्या तुम मुझे छोड़ के कभी स्कूल गए, खैर जाने दो अब इन बातो का कोई मतलब नहीं मेरा दर्द और मत बढ़ाओ मेरा हाथ छोड़ो मुझे जाने दो, छोड़ने के लिए नहीं हाथ पकड़ा है तुम्हारा मेरे फेरे तुम्हारे ही साथ होंगे, तुम पागल हो गए हो क्या? श्रावणी पे क्या बीतेगी! मैं कुछ नहीं जानता चलो मेरे साथ, तापस पागल मत बनो ओह छोड़ो मुझे कहाँ ले जा रहे हो यूँ खींचते हुए |

श्रावणी मैं रूपसी से ही शादी करना चाहता हूँ, तुमसे निभ नहीं पाएगी मेरी, ये आप क्या कह रहे हैं शादी कोई मजाक है क्या मेरा दिल टूटेगा मुझ पर क्या बीतेगी ये नहीं सोचा आपने, वैसे ड्रामा तो आपने बहुत अच्छा किया है जीजाजी.... हाहाहा, तो साली साहिबा आपने कौन सी कमी छोड़ी अपना रोल निभाने में '.ये सब क्या है जीजा साली! आश्चर्य से रूपसी सबका मुँह देख रही थी और हॉल में सब मुस्कुरा रहे थे, वो रूपसी ऐसा है न कि तू तो जीजाजी को सताने की ठाने बैठी थी कम से कम 6 महीने तो नचाती ही इनको और इधर हमारे जीजाजी को तुझसे ये आधा अधूरा मिलन बर्दाश्त नहीं हो रहा इन्हे जल्दी से जल्दी तुझे अपनी दुल्हन बनाना है, तू इतने सदमे में थी कि तुझे पता ही नहीं चला और तेरे ही साथ तेरी सारी शॉपिंग कर डाली मैंने अरे पागल हमारी चूड़ियों की साइज़ अलग है और मैंने सारी चूड़ियाँ तेरे नाप की खरीदी पर तू समझ न पायी, अब छोड़ जा जल्दी से मेहँदी के लिए तैयार हो जाए नहीं तो सच में कहीं तेरा मिलन अधूरा न रह जाए और मैं ही शादी कर लूँ जीजाजी से। श्रावणी की बच्ची रुक, तैयार हो मेरी जूती अभी बताती हूँ तुझे, अरे संभाल के रूपसी ऐसा न हो 'की मुझे पक‍डने मे गिर पड़ जाए और हमें यहां से चोटिल दुल्हन भेजनी पड़े, हाहा, रुक तू हाहा। मेहँदी के गीत के साथ इनकी खुली हँसी ने जाहिर सी बात है रूपसी और तापस के मिलन को गुलजार कर दिया।


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