मीठे बोल
मीठे बोल
मानव अपनी पत्नी डिंपल और 5 साल की बेटी के साथ मथुरा के मंदिर जाने की तैयारी कर रहा था। मानव हर वर्ष जन्माष्टमी के दिन अपने परिवार को मथुरा के मंदिर पूजा करने लेकर जाता था। मानव हर वर्ष अपने परिवार को अपनी गाड़ी से मथुरा लेकर जाता था। लेकिन इस बार मानव रेल से परिवार के साथ मथुरा जाने का फैसला लेता है। दूसरे दिन मानव अपनी पत्नी और बेटी के साथ मथुरा के मंदिर जाने वाली ट्रेन पकड़ लेता है। मानव रेल के डिब्बे में अपनी पत्नी और बेटी के साथ सीट पर आराम से बैठा हुआ था और कुछ देर बाद स्टेशन आता है। रेलवे स्टेशन पर ट्रेन यात्रियों के लिए रुक जाती है। और कुछ देर में देखते ही देखते रेल के सारे डिब्बे यात्रियों से भर जाते हैं।। और कुछ लड़के मानव और डिंपल की सीट पर जबरदस्ती बैठने लगते हैं। लेकिन मानव उनसे आदर और सम्मान प्रेम से बात करता है तो इसलिए वह लड़के मानव और डिंपल की सीट छोड़कर दूसरी जगह चले जाते हैं उनके जाने के बाद मानव अपनी पत्नी से कहता है कि "देखा ना प्रेम के ढाई अक्षर कितने शक्तिशाली होते हैं।"
