महिलाओं का सशक्तिकरण
महिलाओं का सशक्तिकरण
कभी कभी एक बीज को भी जमीन में जगह मिलती नहीं उसी प्रकार नारियों को भी समाज में जगह मिलती नहीं। महिलाओं के द्वारा हमेशा से इतिहास रचे जाते रहे हैं और इस बात का इतिहास गवाह है कि वीरांगनाओं ने देश के लिए अपनी जान निछावर कर दिए। महिलाओं के द्वारा समय-समय पर समाज हित के अनेक कार्य किए जाते रहे हैं और वह प्रत्यक्ष उदाहरण है कि परिवार की जिम्मेदारियों से लेकर समाज के सभी गतिविधियों में वह बहुत ही सुरुचिपूर्ण ढंग से अपना दायित्व निभाती है। महिलाओं में कार्यकुशलता की एक अनोखी प्रतिभा होती है। पुरुष प्रधान समाज यह भूल जाते हैं कि वह भी नारियों की ही देन है।
नारी शक्ति है जगदंबा है, जन्म दातार है सब की पालनहार है। नारी एक खुद शक्ति है । अहंकार नहीं करती कभी समर्पण का भाव रखती है ।वह सर्वश्रेष्ठ और महान है। पुरुष वर्ग सदा मापते कम नारी के कोमल हृदय को नारी की भावनाओं को। सभी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि नारी के सम्मान में ही सभी का सम्मान है और तभी देश का भविष्य उज्ज्वल है जब हम सब की दृष्टि नारी के प्रति कृतज्ञ भाव से भरी हो। महिलाएं खुद सशक्तिकरण का उदाहरण है। वह किसी ओर के द्वारा मापी जाने की कोई वस्तु नहीं। महिलाएं खुद सशक्त हैं और समाज की रीड़ की हड्डी है। महिलाओं का सम्मान है उनका सशक्तिकरण है।