मेरी शालू
मेरी शालू
एक प्यारा सा खत बुआ की ओर से भतीजी की शादी पर
मेरी प्यारी
शालू
मुझे तो लगा ही नहीं कि कब हम दोनों बड़े हो गए क्योंकि उम्र में इतने अंतर के बावजूद हम दोनों ऐसे लड़ते थे जैसे कहा जाता है "एक पीठिया बहन है ।" बचपन की बहुत सारी कहानियां है लेकिन इस छोटे से मैसेज में दिल के जज्बातों
को बयां करना मुश्किल है। वो होली पर लड़ाई होना और जब तुम्हें सभी ने रंग से भींगो दिया और तुम्हें ठंड लगने लगी फिर मेरा दिल पिघल गया और हमारी दोस्ती हो गई।
तुम मेरे साथ सोने के लिए रोने लगती थी क्योंकि रात में हम लोग चुपके से गाना सुना करते थे। छत पर घंटों बैठ कर दोनों अपनी अपनी पर्सनल बातें एक दूसरे को बताया करते थे। बातें तो बहुत है पर .....
तुम किसी को दुखी नहीं करने वाली प्यारी सी बिटिया हो । तुम अब भी जब मिलने आया करती थी तो सच में लगता कि एक खुशी आ रही है पता नहीं तुम्हें देखने से ही कुछ पॉजिटिव सा फील होता था।
अब तुम नया जीवन शुरू करने जा रही हो मुझे विश्वास है कि नए घर में भी तुम सकारात्मकता ही लाओगी । तुम्हारे कदम जहां पड़ेंगे वहां केवल खुशियां ही आ सकेगी । गम के लिए कोई जगह ही नहीं होगी ।
मेरा दिल से आशीर्वाद है कि तुम दोनों हमेशा जीवन में हंसते मुस्कुराते रहो । तुम दोनों की हर इच्छा पूरी हो ।
ढेर सारा प्यार के साथ
तुम्हारी स्वीटी बुआ
