मेरी हसीन बस यात्रा
मेरी हसीन बस यात्रा
वैसे तो हम बचपन से ही बस में स्कूल जाते तो बस की यात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है । क्योंकि पहले एक स्कूल जाते, वहां पांच पांच स्कूल के बच्चे साथ होते। फिर वहां से सब अपने-अपने स्कूल की बसों में जाते। इस तरह हमने स्कूल की बस में भी बहुत यात्रा करी।
पहले के जमाने में तो ज्यादातर बस या ट्रेन यात्रा करने के लिए होते थे। उसमें भी जब डबल डेकर बस आई तो हमको तो मजा ही आ गया ऊपर की मंजिल पर बैठकर के पूरे जयपुर की सीन सीनरी देखते हुए हम अपने आप को किसी राजकुमारी से कम नहीं समझते थे
बहुत मज़े से यात्रा करते। एक कोने से दूसरे कोने तक भी जाते थे। क्योंकि हमारा स्कूल बहुत दूर है जब भी स्कूल बस नहीं आती तो डबल का इंतजार करते। इसी तरह उससे बाद पुच्छल बस आई यह बस तो ट्रेन के डब्बे के जैसे दिखती थी हम आगे की जगह पीछे पुच्छल वाली बस में बैठना ज्यादा पसंद करते। सब फ्रेंड्स उसमें बैठ जाते और फिर उस में मस्ती करते हुए यात्रा करते। बहुत जोरदार अनुभव रहा।
जिंदगी का बचपन का। उसके बाद तो हमने साइकिल से स्कूल जाना चालू कर दिया था।
अब बात आती है बस यात्रा की हसीन वादियों में सीन सीनरी देखते हुए उसका वर्णन मैं आपको बता रही हूं हसीन वादियां वहां के खूबसूरत सीन सीनरी देखने में बस बहुत मजा आ जाता है । ऐसे में अगर अपनों का साथ हो और फुल टू मस्ती हो तो मजे से देखने का वहां की यात्रा करने का एक अलग ही मजा आ जाता है। मैंने बहुत सारी हसीन वादियां देखी है और अपनों के साथ देखी हैं।और बहुत ही मजे करें हम लोग बाय रोड स्वीटजरलैंड गए थे। रास्ते के अंदर इतनी सुंदर पहाड़ियां बर्फ से ढकी हुई पहाड़ियां लग रही थी कि, मुझे तो उनकी शान में क्या कहूं वह भी समझ में ही नहीं आता है। इतनी सुंदर थी।
इसी तरह हम लोग आबू गए थे आबू की पहाड़ियां बहुत ही खूबसूरत चढ़ाई दार और वहां के नजारे देखते ही बनते थे। खूबसूरत वादियां देखते ही बनती थी आजू बाजू में सुंदर-सुंदर कलरफुल फ्लॉवर्स की क्यारियां देखने में अपना मन मोह लेती थी।
बहुत जगह बस यात्रा, कहीं कार से,
कहीं प्लेन से मगर यात्राएं बहुत करी है। यहां पर मैं मेरी दूसरी यात्राओं की जगह बस यात्रा की बात करूंगी
वैसे तो बहुत सारी बस यात्राएं करी है। बड़ी छोटी और सभी बहुत अच्छी रही हैं।
बहुत यादगार सी रही हैं ।
हमने बेंगलुरु से आईटीसी की बस से मैसूर ऊटी कूनूर की यात्रा करी थी वह 4 दिन की यात्रा थी। बहुत ही जोरदार यात्रा थी। क्या जोरदार हसीन नजारे थे पहाड़ सुंदर-सुंदर ग्रीनरी आजू बाजू का वातावरण सब बहुत ही अच्छा था बहुत मजा आया । आईटीसी का अरेंजमेंट भी काफी अच्छा था और रास्ते में बहुत सारे शिव मंदिर और बहुत सुंदर सुंदर मंदिर भी देखें, मैसूर देखने का बहुत मजा आया ।
ऊटी मेँ कॉटेज में रहने का और घूमने का सबसे बढ़िया वहां की चाय क्या मजेदार चाय थी आज तक नहीं भूले ,वहां के टी गार्डन ,
वहां की हाईएस्ट हिल पहाड़ियां और वहां की सर्दी सब बहुत ही जोरदार थी।
कुनूर भी काफी अच्छा था।
और रास्ते की सीन सीनरी भी काफी अच्छी थी। जो बहुत याद रह गई।
इसी तरह हमने सपरिवार एक लंबी यात्रा करी थी । ट्रैवेल्स जो यात्राएं निकालते हैं उनसे। बहुत बड़ी-बड़ी जगह गए गोवा तक गए।
बहुत ही मजा आया साथ वाले लोग और ट्रावेल्स वालों का अरेंजमेंट बहुत अच्छा था।
और वे पूरा टाइम देते थे घूमने का ।
तो हम बहुत घूमे अजंता एलोरा पंढरपुर औरंगाबाद मैसूर बैंगलोर रास्ते के सारे देखने के स्थान गोवा और भी बहुत जगह थी ।
और बहुत यादगार ट्रिप रहा ।
उदयपुर तो हम हमेशा बस में ही जाते हैं। पहाड़ियों से घिरा हुआ सुंदर झीलों का प्रदेश उदयपुर देखते ही मन मयूर नाचने लगता है
रास्ते की सीन सीनरी बहुत ही अच्छी होती है। आबू भी बस में घूमने में मजा आ गया ।
और अमेरिका में न्यूयॉर्क में खुली बस में रात को पुरा न्यूयॉर्क घूमने में बहुत मजा आया । महा समुद्र में रात को जो परछाई नजर आती है पूरे शहर की बहुत ही सुंदर लग रही थी।
और बहुत हम तो वहां तीन तीन बार बस में घूमने गए। वापस वापस देखा बहुत मजा आया।
इसी तरह बस में यूरोप में बेल्जियम और दिनांत तुलिप गार्डन मजा आ गया सब देखने में और कार से यूरोप के आठ देश घूमे क्या खूबसूरत नजारे थे स्वीटजरलैंड तो कल्पना ही नहीं कर सकते इतना खूबसूरत है और दूसरी जगह भी सब काफी सुंदर थी खूबसूरत नजारे खूबसूरत वादियां कभी मन नहीं है तो कल्पना के अंदर बहुत सारे शब्द नहीं लिख सकती। ना अच्छी साहित्यिक भाषा आती है तो कुछ लिख पाऊं जो भी आप के साथ जुड़कर आप लोगों के साथ में चर्चा करते हुए लिखना तो सीखी गई हूं साहित्यिक भाषा नहीं सीधी-सादी भाषा ही सही।
