मेरी अपनी जिंदगी मेरी अपनी होड
मेरी अपनी जिंदगी मेरी अपनी होड
जब आप तरक्की की ओर बढ़ रहे हैं ।आपके अपने आपके यार दोस्त सब खुश होते हैं।पर उनकी खुशी हमेशा रहेगी इसकी कोई गारंटी नहीं, लोग चाहते हैं कि आप आगे बढ़ें,पर लोग कभी ये नहीं चाहेंगे कि आप उनसे आगे बढ़ें।
आज दुनिया मे जहाँ देखें वहाँ कोम्पिटिशन है।जैसे जिदंगी एक दौड़ है और हर कोई एक दूसरे को पीछे धकेलने मे लगा है।हर कोई एक दूसरे को नीचा दिखाने में लगा है ।अगर आप दौड़ रहे हैं तो दूसरे भी उस दौड़ में शामिल हो जायेंगे। यहाँ हर कोई एक दूसरे से होड़ में लगा हैं।बडे़ तो बडे़ बच्चों को भी हम इस दौड़ मे शामिल कर रहे हैं और उन्हें भी यही संस्कार दे रहे हैं
आओ हम अपनी सोच बदलें ।आओ अपनी दौड़ बदलें ।आज से हम अपना कोम्पिटिशन खुद से करें।अपनी गलतियों से कुछ सीखें।यह नहीं सोचना है कि मुझे फलां फलां से बेहतर बनना है ।बल्कि ये सोचें कि मुझे अपने आप से बेहतर बनना है।जो गलतियां मैंने कल की वो आज नहीं दोहरानी हैं।मुझे अपनी जिंदगी को संवारना है।मुझे अपने आप को संवारना है।
इस दौड़ मैं अकेली नहीं हूँ ।मेरे साथ मैं हूँ और सिर्फ मैं हूँ।वो मैं जिसमें कई कमियां हैं।और उन कमियों को पीछे धकेल मुझे आगे बढ़ना है। जिस दिन आपका कोम्पिटिशन खुद से होगा उस दिन किसी की हिम्मत न होगी वह आपके साथ होड़ लगाये और आपको भी किसी और के साथ होड़ लगाने कि जरुरत नहीं महसूस होगी। सारे दुख अपने आप ही दूर हो जायेंगे।
