मेरी आय
मेरी आय
मेरा पहला ऑफिस का दिन था चुपचाप गुम-सुम यूहीं बैठा था कि मेरी नजर उन पर पड़ी जो कितनी मेहनत के साथ अपना कार्य कर रहे थे मैंने पूछा भाई आपको कितने सालो का अनुभव है वो बोला -2 सालो का।
मैं बोला अच्छा तो आप भी फ्रेशर थे मेरी तरह जब पहले दिन आए थे।
वो बोला हां पर में लोगो को देख - देख कर सिख गया तुम भी सिख जायोगे।
मैं मुस्कुराया,
एक महीने बाद सैलरी का दिन आया ऑफिस से मुझे 15000/- मासिक आय मिली मै खुश था कि मेरी पहली सैलरी मिली सोचा ये लूँगा वो लूँगा पर्स में पैसे डाले और चल पड़ा घर की और घर पहुंच कर देखा कि मेरी पैन्ट में मेरा पर्स नहीं है मै डर गया घर जाकर क्या बताऊंगा ?
मेरे घर पर भागते - भागते एक मुसाफिर आया बोला भाई आपको कब से आवाज मार रहा था आप सुन नहीं रहे आपका पर्स गिर गया था ये देने आया हूं
मेरी आंखों में उसको देख कर खुशी जलकी और उसका धन्यवाद किया बोला - भाई मेरी मेहनत की कमाई गिर गई थी।
मेहनत से कमाया हुआ धन आपको फल जरुर देता है।