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Kunda Shamkuwar

Drama

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Kunda Shamkuwar

Drama

मेरा अपना घर कहाँ है ?

मेरा अपना घर कहाँ है ?

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शादी के कुछ महीनों बाद उसने घर की setting थोडा change करने की कोशिश में सोफे का orientation change किया।काँच के सेंटर टेबल के साथ कॉर्नर स्टैंड को कुछ अलग तरीके से सजा दिया।अपनी कोशिश में वह खुद तो खुश हो गयी,उसे लगा की ससुराल में सब लोग भी खुश होंगे।


थोड़ी ही देर के बाद सास ससुर बाहर से आये।

उन्हें जल्दी से ठंडा पानी देकर वह खुशी से कहने लगी,"मम्मी जी देखिये,मैंने हमारे ड्रॉइंग रूम को सजाया है।कितना खूबसूरत लग रहा है,नही?"

सास ठंडा पानी खत्म करके कहने लगी,"बेटी, ये हमारा घर है।आइंदा बगैर मुझसे पूछे कुछ भी इधर उधर नही करना।"उनका वह लहजा बहुत सर्द था बिल्कुल उस ठंडे पानी की तरह।


'मेरा घर और मैं' की उधेड़बुन में वह बैठी रही। फ़ोन की घंटी से उस उधेड़बुन से वह वापस आयीं।माँ का फ़ोन था।माँ खुशी में बेटी से उसका हालचाल पूछ रही थी।"बेटी, तुम्हारे घर मे कैसा चल रहा है सब? तुम्हारे वहाँ सब लोग खुश है न?"

बेटी ने ठहरी आवाज में पूछा,"मेरा घर?

मेरा कौन सा घर है?

मेरा अपना कोई घर भी है माँ?"

दूसरी ओर खामोशी छा गयी...


कोने में रखे हुए टेबल पर पड़ी अलेक्सा बड़ी खामोशी से घर की मालकिन के मनपसंद गाने प्ले करने के आर्डर का इंतजार कर रही थी...


वह माँ की तरह हर सवाल का जवाब तो नही दे सकती थी। लेकिन आज तो माँ भी उस के सवालों से निरूत्तर हो गयी थी.....


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