STORYMIRROR

Ira Johri

Inspirational

3  

Ira Johri

Inspirational

मेरा आसमां

मेरा आसमां

1 min
312

विवाह के पश्चात श्वसुरगृह के सुख संसार की व्यस्तता के बीच बाबुल के घर समय निकाल कर जाने पर पड़ोस की कम्मो ताई का भी जिक्र चल पड़ा । तभी याद आने लगा वह समय जब "अरी रुक ना !पल भर तो ठहर ! पैरों में तो इसके जैसे चकरघिन्नी लगी हुई है।"कमर पर पल्लू लपेट एक हाथ माथे पर मारते हुये दूसरा हाथ नचा नचा कर कम्मो ताई घर को गुंजायमान करते हुये जैसे सारे जग को सुनाते हुये निन्नी पर क्रोध की वर्षा किये जा रही थी और निन्नी थी कि ऊपर से नीचे कभी दुछत्ती से पलंग पर तो कभी पलंग से जमीन पर कूद कर उछल फांद किये जा रही थी। न बीते कल पड़ी डांट से सबक ना ही आने वाले कल की चिन्ता ।कुछ कहो तो फाटक से जबाब हाजिर ।" "मुझे हर समय टोका न करो अम्मा । घर के खूंटे से बंध कर रहने वाली बछिया नहीं हूँ मैं । अपने हिस्से का आसमान मैं खुद चुनूंगी ।" तभी किसी की खिलखिलाहट ने हमारा ध्यान भंग कर दिया ।देखा तो सामने पुलिस की वर्दी में चुलबुली निन्नी उर्फ निकिता खड़ी हुई थी।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational