मौलिक रचना

मौलिक रचना

2 mins
1.6K


शहर के जाने-माने युवा नेता जी की वाइफ ने घरेलू हिंसा से पीड़ित एक महिला की कथा लिखी थी और उसे पुस्तक के रूप में प्रकाशित करवाया था।

पुस्तक को अपार सफलता मिली थी, इसकी खुशी में भव्य पार्टी का आयोजन किया गया।

अनेकों मशहूर हस्तियां वहां मौजूद थी..खुशनुमा माहौल था ।

नेताजी की वाइफ को पत्रकारों ने घेर रखा था और पुस्तक को लेकर कई प्रश्न पूछ रहे थे।

एक पत्रकार ने सवाल किया- मैडम, आपने अपनी पुस्तक में प्रस्तुत कथा महिलाओं के साथ हो रही अनेक प्रकार की घरेलू हिंसा को व्यक्त करती हुई लिखी है और कथा की भाषा बड़ी मार्मिक है मानों आपने बहुत करीब से औरतों पर हो रही घरेलू हिंसा को देखा है तो क्या आप बता सकती हैं कि आपको ये कथा लिखने की प्रेरणा किससे, कहाँ और कैसे मिली ?

" देखिए ऐसा है कि मेरा अनेक समाजसेवी संस्थाओं के साथ संपर्क है तो कई बार मैं विभिन्न कार्यक्रमों में आती-जाती रहती हूं, इसी क्रम में मुझे मेरी कथा की पात्र मिली, जिसने मुझे काफी प्रभावित किया और उसीसे मुझे यह कथा लिखने की प्रेरणा मिली। "- नेताजी की वाइफ ने जवाब दिया।

वहां उपस्थित सभी लोगों ने यह सुनकर जोरदार तालियाँ बजायी और भूरी-भूरी प्रशंसा की..वाह ! क्या कथा लिखी है, वाह ! वाह !

तालियों के शोर में नेताजी की वाइफ धीरे से बुदबुदायी- "कथा नहीं, मेरी 'आत्मकथा' है यह ! "


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama