मैसेन्जर की माया

मैसेन्जर की माया

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ट्रीन,

हैलो मेम आपकी मुस्कान बहुत प्यारी है अचानक वंदना के मैसेन्जर पे विहान का मैसेज आया, वंदना ने ध्यान नहीं दिया, एैसे तो न जान ना पहचान कितने लोग हाय हैलो करने पहूँचे जाते है,

पर

दूसरे दिन वापस विहान ने मैसेज किया मेम प्लीज़ रिप्ले मी, यू आर सो क्यूट लूक लाईक अ डोल आप मुझे बहुत पसंद हो।

आइ लव यू मेम,

वंदना को अजीब भी लगा ओर अच्छा भी पर सिर्फ़ इतना लिख दिया तारीफ़ के लिए शुक्रिया, चाहकर भी डाँट ना सकी,

आख़िर एक औरत को तारीफ़ से पटाना बहुत सरल जो है,इस कला में माहिर विहान समझ गया कि मेम को तारीफ़ पसंद है, बस फिर क्या था सुबह शाम वंदना को कभी किस के इमोजी तो कभी हग के भेजकर बहलाता रहा,पटाता रहा।

वंदना खुद ४२ साल की ओर २३ साल के लड़़के के मुँह से तारीफ़ सुनकर शरमाकर पानी पानी हो जाती थी, ओर फिर क्या अंदाज़ था विहान का एक परफेक्ट प्रेमी की तरह वंदना को एक २० साल की लड़की की जैसे तारीफ़ कर रहा हो वैसे उन्मादीत भाषा में लपेटता था, वंदना सोचती हाँ सुंदर तो हूँ अगर बंदे ने तारीफ़ कर दी तो क्या हुआ, २० साल की लड़की से भाव जगने लगे उसके मन में भी, विहान तारीफ़ों का जाल बुनता गया,

वंदना विहान की एैसी प्यारी-प्यारी बातों में बहती चली गई।

ओर बस सिलसिला चलने लगा एक प्रेम कहानी का पूरा दिन ओर देर रात तक, पहले बातो का फ़िर ना पूछो क्या क्या।

विहान के प्यार में पागल वंदना हर हद पार करती रही, यहाँ तक की न्यूड़ तस्वीरें भी भेजती रही,

सच कहते है प्यार अंधा होता है, वंदना का पति बिल्डर था दिन रात बिज़नेस में रत, पैसो की कमी नहीं थी तो विहान का रिचार्ज करवाने से लेकर कभी-कभी ५/१०००० उसके एकाउन्ट में जमा भी करवाती रही, तीन साल तक लूटती रही।

एक दिन वंदना ने विहान को मैसेज किया, क्या तुम मुझसे मिल सकते हो मैं अपनी दीदी के घर डेल्ही आ रही हूँ,

विहान को तो मानो उबासी खाई ओर मुँह में बताशा आ गया,

तुरंत हा बोल दिया में गुड़गांव में ही हूँ बिलकुल आऊँगा,

वंदना ओर विहान दो दिन तक घुमें फिरे ओर विहान के एक दोस्त की होटेल थी वहाँ जाकर खूब एँजोय किया, वंदना बहुत खुश थी आसमान में उड़ रही थी मानों ज़िंदगी में सच्चा प्यार सिर्फ़ विहान से ही पाया हो,

वापस घर आ गई पर हर पल दिल में विहान को जी रही थी, की एक दिन विहान ने कुछ तस्वीरें ओर विडियो सेन्ड किए वंदना के मैसेन्जर पर वंदना पहले तो खुश हो गई, फिर एक बात गौर कि किसी भी तस्वीर ओर विडियो में विहान का चेहरा नहीं दिख रहा था, दिल थोड़ा धड़का एक डर झलक दिखला गया, पर प्यार में पागल वंदना को शक करना भी गँवारा ना था, सो खयाल को झटक दिया

शाम को विहान का मैसेज आया तस्वीरें कैसी लगी मेरी जान,

वंदना खुश होकर बोली बहुत बढ़िया पर एक बात बताओ तुम्हारा चेहरा किसी भी तस्वीर या विडियो में क्यूँ नहीं दिख रहा

एक अट्टहास्य वाला मैसेज हाहाहा ओर विहान ने लिखा my sweetheart muje 5 लाख रुपये की बहुत जरुरत है कल शाम तक का वक्त है तुम्हारे पास मेनेज करलो ओर मेरे एकाउन्ट में ट्रान्सफर कर दो अगर बंदोबस्त नहीं किया तो परसों सुबह तुम्हारे सारे ग्रुप ओर तुम्हारी फेसबुक वाॅल पर ये सारी तस्वीरें तहलका मचाएगी, ओर ओफलाईन हो गया,

वंदना सकपका गई विहान एैसा कर सकता है सोच भी नहीं सकती थी,

आँसू बहने लगे आँखों से क्या करुं क्या ना करुं पुलिस के पास भी नहीं जा सकती सारे राज़ खोलने पड़ेंगे पति का इतना बड़ा नाम है क्या इज्ज़त रह जाएगी,

बात पैसों की नहीं उसके एकाउन्ट में लाखों रुपए पड़े रहते है ५ लाख तो दे दें पर एक धूर्त के हाथों लूटे जाने का अफसोस ज़िंदगी भर रहेगा

दूसरे दिन वंदना ने पैसे विहान के एकाउन्ट में जमा करवा दिए फिर काॅल किया कुछ बात करने के लिए,

वंदना अब भी रिश्ता चाहती थी पैसों के बदले उसे विहान चाहिए था

कितने मैसेज किए मैसेन्जर पर

विहान का दो दिन तक कोई जवाब नहीं आया वंदना ने बार-बार काॅल लगाया पर नं.मौजूद नहीं की आवाज़ गूँजती रही।

फेसबुक एकाउन्ट भी डिलीट मैसेन्जर पर वंदना ब्लाक थी,

क्यूँकि विहान एक डाल का पंछी नहीं था वो कोई रिस्क लेना नहीं चाहता था थोड़े में संतोष कर लेता , एैसे रिश्ते लंबे नहीं टिकने चाहिए एैसी सोच थी उसकी।

वंदना अब ना किसीको बता सकती थी ना सह सकती थी,

वंदना दिलो जान से चाहने लगी थी विहान को

पर विहान के लिए वंदना सिर्फ़ टाईम पास ओर पैसे एेठने की मशीन ही थी,

प्यार के नाम पर ठगी गई रिश्ते पल भर में बदल गये,

जो कहता था ज़िंदगी भर साथ नहीं छोडूँगा,

मतलब निकलते ही विहान निकल पड़ा दूसरी आई डी बनाकर नये शिकार की खोज में।

यहाँ वंदना रिश्ते की आड में प्यार का खेल रचाकर चला गया विहान फिर भी काँटे की तरह सूख रही है विहान की याद में,

ओर एक डर भी खाए जा रहा था कहीं तस्वीर ओर विडियो का गलत इस्तेमाल किया तो विहान ने ?

क्या इज्ज़त रह जाएगी, मन जानता है की ठगी गई है पर दिल विवश है विहान के नकली प्यार को असली समझकर भीगता रहता है,

कैसे समझाए,

दिल तो आख़िर दिल है ना।

पर हाँ अब वंदना का मैसेन्जर अनइन्स्टोल है॥


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