एक दोस्ती ऐसी भी
एक दोस्ती ऐसी भी


ओ हैलो कोई लव सव नहीं तुमसे ओके यूँ ही जस्ट सोचा बता दूँ।
नहीं पता तेरा साथ क्यूँ प्यारा इतना कहते हैं, ना कोई-कोई लोग ज़िंदगी में एक अमीट छाप छोड़ जाते हैं, बस वैसे ही खुश्बूदार सी मौजूदगी रही मेरी ज़िंदगी में तुम्हारी, तुम १० साल छोटे मुझसे पर कभी उम्र का फासला हमारी सोच के बीच दीवार नहीं बना..!
हर विषय पर हमने घंटों बिताए, ज़िंदगी के हर पहलू पर बातें हुई राजनीति, महंगाई, सेक्स या इतिहास..!
यस बट एक बात है कितने मिलते झुलाते ख़यालात के मालिक है हम दोनों,
ना..ना कोई रिश्ता नहीं ऐसा-वैसा बस अच्छा लगता है साथ में समय बिताना।
आधा दिन भी तो नहीं कटता तुम्हें देखे बिना और तुम्हारा नाशीपास होना मुझे ना देखते ही आनलाइन,
पहला सवाल यही होता है कहाँ थी ?
आाहाा क्यूँ इतनी शिद्दत कहीं मन में और तो कुछ नहीं..!
वैसे रुठती हूँ मैं हंमेशा प्रेमी का के जैसे पर हाँ तुम्हें मनाना नहीं आता एक प्रेमी की तरह हमेशा खुद भी रुठकर चले जाते हो, पर तुम्हारी एक हाय पर कितनी जल्दी सुलेह हो जाती है हमारी, एडिक्ट कहीं के दोनों..!
जस्ट जोकिंग बस झगड़े, शिकायतें, रुठने मनाने के बीच भी सालों से टिका हुआ रिश्ता दिन ब दिन मजबूत होता रहा, आज ये आलम है दोनों एक-दूसरे की आदत है, ये तो हुई विथ यू की बात..
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विदाउट यू.... क्या बताऊँ।
काटने को दौड़ते हैं, हर लम्हें खामोशी की चद्दर ओढ़े, ज़िंदगी जैसे सो गई हो, सूना जीवन सूनी साँसें तरस जाती है जुबाँ बड़बड़ाने को..!
एक गमगीन माहौल क्रिएट होता है, ना कहीं आने जाने का मन ना फेसबुक लुभाता है..!
शाम के रंगीन पलों में,
तुम्हारे संग कोफ़ी पीते चैट करना सबसे पसंदीदा काम मेरा,
आहाहा तुम्हारा हाय ब्बायूटूफूल बोलना, त बात पर हँसाना ओर वो नार्मल सी प्यारी गाली बात बात पर तपाक से बोलना उफ्फ़ हद ही करते हो...!
कभी विडियो चैट पे तुम्हारा सिगरेट पीते धुँएँ के छल्ले को हवाओं में बहाना बस हर एक बात तुम्हारी निराली उप्सससस विदाउट पर से विथ यू पर आ गई..!
जो भी हो यार एक नशा है हमारी दोस्ती में, गलत कहते हैं लोग एक लड़का ओर एक लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते, है ना मिशाल तेरी मेरी, जैसे-जैसे दोस्ती पुरानी होती जा रही है, दारु की तरह नशीली होती जा रही है..!
विथ यह बीते जो पल हम उसे ज़िंदगी कहते हैं, विदाउट तो बस कट रही होती है..!
बहुत कुछ कहने को है मेरे पास इस नशीले रिश्ते के बारे में, पर शशशशशश तुम्हें अच्छा नहीं लगता ना हमारा रिश्ता डिस्कशन करना, सो इटस् ओके, कुछ रिश्तों का कोई नाम नहीं होता बस बँध जाते हैं।
पूर्णविराम........