मैं भी एक दिन...

मैं भी एक दिन...

1 min
2.1K


रोज़ की तरह चेतन हवाई अड्डे के पास बनी टी स्टॉल पर चाय पीते हुए वहाँ काम करने वाले गुड्डू से बात कर रहा था। एक हवाई जहाज़ ऊपर से उड़ा तो गुड्डू बड़े चाव से उसे देखने लगा। चेतन ने उससे पूछा,

"यहाँ तो दिन में कई बार हवाई जहाज़ निकलते हैं। फिर तुम हर बार इतने चाव से क्या देखते हो ?"

"वो भइया, मैं सोचता हूँ कि जहाज़ में बैठे लोगों में से कोई ऐसा भी होगा जो कभी मेरी तरह गरीब रहा होगा।"

- कहते हुए उसकी आँखों में चमक आ गई,

"शायद एक दिन मैं भी..."


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama