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Dr. Vijay Laxmi"अनाम अपराजिता "

Inspirational

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Dr. Vijay Laxmi"अनाम अपराजिता "

Inspirational

मानसूनी आगाज प्यार का

मानसूनी आगाज प्यार का

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मौसम की रिमझिम बारिश, गर्मी से तप्त तृषित जन को भिगोती बूंदों की रस भरी फुहार , हरी-भरी धरती, ठंडी हवा और मन मोहने वाली माटी की खुशबू... इस मौसम में दिल भी रोमांटिक हो जाता है।


ऐसे ही सुहाने मौसम में

रिया , एक छोटे से शहर की रहने वाली, कला की शौकीन लड़की और राज बड़े शहर का एक प्रतिभाशाली युवक, जो अपनी कम्पनी के काम से इस शहर आया था।


एक बारिश भरी शाम, रिया अपने होटल के बाहर एक कैफे में बैठी, अपने आर्टवर्क पर काम कर रही थी। तभी, उसे राज दिखाई पड़ा दोनों की नज़रें मिलीं तो वे एक-दूसरे को पहचान गये ।वे बरसों पहले पड़ोसी थे उनका बचपन साथ खेलते-खाते बीता था अभी वे अतीत की यादों में इतना खो गये मानो बारिश की बूंदों ने उनके बीच एक अनोखा रिश्ता जोड़ दिया।


धीरे-धीरे, उनकी मुलाकातें बढ़ने लगती हैं। बारिश में छतरी के नीचे टहलना, मिट्टी की खुशबू में बातें करना, रिया के चित्रों पर राज की राय... हर पल उनके प्यार को गहरा कर रहा था।


एक दिन, राज ने रिया को प्रपोज़ कर ही दिया, "रिया, तुम मेरे जीवन की बारिश हो। तुम बिन मैं अधूरा हूँ मेरा दिल शायद तुम्हें ही खोज रहा था तभी आज तक कोई लड़की पसन्द नहीं आई।"


रिया के चेहरे पर खुशी के आंसू थे। उसने भी राज से प्यार का इजहार किया।


महीने के अंतिम दिनों में, रिया और राज ने शादी का फैसला किया।


उनकी शादी में भी नृत्य करती बारिश की बूंदें थीं । धरती हरी-भरी थी, मानो प्रकृति भी उनके प्यार का जश्न मना उमंगित हो रही थी।


रिया और राज की प्रेम कहानी, प्यारी सी बहुत ही खूबसूरत और रोमांटिक थी। हर बूंद उनके प्यार की बातों की गवाह थी ।

          



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