Atul Agarwal

Inspirational

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मानो बुआ

मानो बुआ

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मानो बुआ

 

श्री जानकी दास जी, निवासी 9 – डी नई मण्डी, मुज़फ्फरनगर (ऊ.प्र.), के 4 पुत्र थे : 

१। श्री बशेश्वर दयाल जी (बड़े बाबा जी) 

२। श्री मुरारी लाल जी [बिल्लू (इस कहानी के लेखक) के बाबा जी]

३। श्री वेद प्रकाश जी (मझले बाबा जी)

४। श्री कैलाश प्रकाश जी (छोटे बाबा जी) 

 

हमारी आदरणीय मानो बुआ हमारे छोटे बाबा आदरणीय श्री कैलाश प्रकाश जी की बड़ी बेटी ।  

 

1 जुलाई 1945 को पैदा हुई, गौर वर्ण, बड़ी – बड़ी आंखें ।  

 

मानो (सुषमा) बुआ, बिल्ला (प्रतिमा) बुआ, अशोक चाचा और अनिल चाचा, 4 बहन भाई । सभी आदरणीय । उन चारों के बचपन में ही माँ और पिता (दादी और कैलाश बाबा जी) की रोड एक्सीडेंट में मृत्यु हो गई । अपने ताऊ और ताई जी के यहाँ पले ।

 

श्री मुरारी लाल जी को अपने उपरोक्त तीनों भाइयों से बहुत प्रेम रहा। 

 

श्री मुरारी लाल जी के आठ सन्तानें हुई, सत्या (बड़ी बुआ जी), राजेन्द्र (राजे - बिल्लू के पापा), शीला (छोटी बुआ जी), नरेन्द्र (मुन्ना चाचा), देवेन्द्र (काकी चाचा), महेंद्र (बब्बू चाचा), रविन्द्र (टल्लू चाचा) व् अशोक (मन्नी चाचा) ।

 

सभी उपरोक्त 12 बच्चे एक ही मौहल में पले बढ़े ।   


खैर अपनी कहानी की नायिका मानो बुआ पर वापस आते हैं । 


मानो बुआ का नाम सुषमा, सुषमा मायने अथाह और नैसर्गिक सुंदर । 

 

हमारी आदरणीय मानो बुआ जी अपूर्व सुंदरी । विश्व सुन्दरी प्रतियोगिता सन 1951 में शुरू हुई, किसी भारतीय ने प्रथम बार 1964 में हिस्सा लिया । मानो बुआ भारत की अब तक की 6 विश्व सुन्दरियों से भी ज्यादा सुंदर, सन 1966 रीटा फारिया, 1994 ऐश्वर्या राय, 1997 डाइना हेडन, 1999 युक्ता मुखी, 2000 प्रियंका चोपड़ा और 2017 मानुषी छील्लर । परन्तु 1961 में ही मानो बुआ की शादी हो चुकी थी । 

 

एक बार ऐसा कुछ संयोग हुआ कि हमारे आदरणीय छोटे फूफा जी (रेलवे वाले) अपने छोटे भाई श्री आनंद प्रकाश जी के साथ दिल्ली से हमारे घर मुजफ्फरनगर आए । श्री आनंद प्रकाश जी वापस घर पहुँच कर अपने परिवार में मानो बुआ से शादी करने के लिए बोले । बात बन गई और हमारे फूफा बन गए । पढ़ाई में टॉपर । रूड़की इंजिनीयरींग कॉलेज (अब आई आई टी) में प्रोफेसर । बहुत स्मार्ट । 


वैसे मेरी फेवरेट बुआ बिल्ला बुआ हैं । 


आनंद फूफा जी और मानो बुआ के दो बच्चे, प्रिय अतुल प्रकाश और प्रिय विपुल प्रकाश, दोनों कह के टॉप करने वाले । थ्रू ऑउट टॉपर । 

 

प्रिय अतुल प्रकाश का इंजीनियरिंग के एन्ट्रैनस टैस्ट का सेंटर एस डी कॉलेज, मुजफ्फरनगर पड़ा । फूफा जी और अतुल जी रूड़की से आए और 9 – डी, नई मण्डी में ही ठहरे । सेंटर शहर में था, लगभग तीन किलोमीटर । बाबा जी ने गाड़ी से अतुल को सेंटर पर छुड़वा दिया । वापस लाने के लिए फूफा जी रिक्शे से चले गए । पेपर छूटा तो दोनों ही पेपर को सॉल्व करते - करते पैदल ही घर आ गए, दोनों ही को रिक्शा करने का ख्याल नहीं आया । घर पहुँच कर बाबा जी ने पूछा कि पेपर कैसा हुआ, तो प्रिय अतुल बोले टॉप करेंगे । बाबा जी बोले कि कोई दूसरा भी तो टॉप कर सकता है, तो प्रिय अतुल ने कहा कि बिल्कुल कर सकता है, पर हम तो करेंगे ही । ऐसा था उसका कान्फिडैंस । सिर्फ उसी ही ने टॉप किया । 

 

बाबा जी और पापा सपरिवार साल में कम से कम दो बार हरिद्वार, ऋषिकेश और लक्ष्मण झूला जरूर जाते थे, हर की पैड़ी पर नहाने के बाद ऋषिकेश में चोटीवाला के यहाँ खाना खाने के बाद मुजफ्फरनगर लौटते हुए शाम 4 बजे की चाय मानो बुआ के यहाँ रूड़की में ही पीते थे । बुआ के यहाँ जाने से पहले रूड़की में ही उनके घर के लिए कुछ मिठाई फल ले लेते थे । ऐसे ही एक बार जब पापा रूड़की में फल खरीद रहे थे, तो इत्तिफ़ाक़ से मानो बूआ भी बगल के ठेले से फल खरीद रहीं थी, उन्होंने पापा को देखा और नमस्ते की और फिर फल खरीदने लगी । तब पापा ने उन से कहा की पिता जी (यानिकि हमारे बाबा जी) कार में बैठे हैं और हम तुम्हारे ही घर जा रहें हैं । फिर बूआ जी ने फटा फट घर आ कर चाय पिलाई । 

 

फूफा जी और बुआ जी जैसे महर्षि अत्रि और सती अनसूया की प्रतिमूर्ति, ना किसी से डाह और ना ही किसी से ईर्ष्या । महर्षि अत्रि और सती अनसूया की तीन संताने, तीनो महर्षि, उसी प्रकार बुआ जी और फूफा जी की दो, एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी प्रतिभाशाली ।  

 

1975 में हमारे बाबा जी ने रूड़की इंजिनीरिंग कालेज को एक सालाना स्कालरशिप चलाने के लिए 50,000/- रूपये भी दिए, जिसका वर्तमान (सन 2022) मूल्य लगभग 20 लाख रुपये होगा । हाल यह आश्चर्य का विषय है की अब इसका रिकार्ड रूड़की इंजिनीरिंग कालेज (आई आई टी) के पास उपलब्ध नहीं है । 

 

8 साल पहले मार्च 2014 में बहुत सालों बाद बड़े भईया की बेटी की शादी में देहरादून में भेंट हुई, फूफा जी और बूआ जी दोनो ही थे, दोनो ने ढेरो आशीर्वाद दिया । 

 

प्रिय अतुल प्रकाश पी.एच.डी. वाले डाक्टर हैं, यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन, यू. एस. में प्रोफेसर हैं । उनके अंडर में दर्जनों छात्र पी.एच.डी. कर चुके हैं और कर रहे हैं ।    

  

प्रिय विपुल प्रकाश भी पी.एच.डी. वाले डाक्टर हैं, आई आई टी रूड़की में ही प्रोफेसर हैं । 


प्रोफाइलो में माँ और पिता के नामों के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन और आई आई टी रूड़की से निवेदन ।

 

आई आई टी रूड़की में Alumni की तरह ही FORMER FACULTY के डिटेल्स भी हों । 

 

Alumni में हमारे बाबा श्री मुरारी लाल जी 1931 पास आउट का नाम भी find करना है ।     

 

फूफा जी ने कुछ समय पहले शरीर छोड़ दिया । फूफा जी एक अच्छे गणितज्ञ के अतिरिक्त astrologer भी थे । 

 

मेरी प्रिय और आदरणीय बिल्ला बूआ जी ने भी कुछ समय पहले शरीर छोड़ दिया । 

  

मेरी आदरणीय 77 वर्षीय मानो बूआ जी रूड़की में ही हैं । मानो बूआ की सेवा प्रिय विपुल जी के हिस्से में आई है ।

 

किसी की भावनाएं आहत हुई हों तो क्षमा । 

 

नमन और प्रणाम ।


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