मां और मैं
मां और मैं
ये कहानी एक लड़की की है जिसकी प्रेरणा वह स्वयं और उसकी मां है।उसका नाम प्रेमा है।प्रेमा घर में सबकी लाडली है। वह हर कार्य में निपुण थी। वह बहुत ही चंचल थी। एक बार उसकी मां बीमार हो गयी। तो उस पर घर की सारी जिम्मेदारी आ गई।वह कुछ कर पाती और कुछ नहीं। धीरे-धीरे वह बड़ी होने लगी।वह अपनी मां को देखती और पढ़ाई करती और सभी कार्य सीखती।एक दिन प्रेमा की मां बहुत बीमार हो गयी वह कुछ समझ नहीं पाई क्या हुआ और वह बहुत दुःखी हुई ।और उसने अपनी मां को देख कर मन-ही-मन सोचा कि वह कुछ करेगी। वह योगाध्यन करने लगी।वह अपनी मां के लिए तो कुछ नहीं कर पा ई । लेकिन योगाध्यन के बाद बहुत लोगों का उपचार किया और उनकी दुवायें ली। अब प्रेमा की शादी हो गई। वह अब ससुराल में व्यस्त हो गई। प्रेमा के ससुराल वालों ने उसे बहुत तंग किया। और प्रेमा किसी सोच में डूब गयी और उसने अपनी योग शिक्षा दूसरों तक पहुंचाने का निर्णय लिया। जिस काम में उसे बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा। और उसने सारी चुनौतियों का सामना किया । और वह एक सफल शिक्षिका बनी। और योग क्षेत्र में नाम किया। प्रेमा की प्रथम प्रेरणा मां थीं। और इस तरह वह स्वयं की प्रेरणा बनी ।ये थी मां और है प्रेमा की कहानी ।