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Preeti Srivastava

Children Stories Classics

3  

Preeti Srivastava

Children Stories Classics

कान

कान

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एक राजा था। उसके राज्य में कोई भी व्यक्ति दुखी नहीं रहता था। लेकिन राजा लेकिन राजा दुखी रहता था। उसके बाल बहुत बड़े हो गए थे। अपने बाल कटवाने थे। पर वह नहीं कटवा पा रहा था क्योंकि जो उसका पुराना बाल काटने वाला था वह कहीं गया था। राजा ने टिंबर को बुलाया। नंबर एक नई था। कि बाल काटता था। राजा ने उससे कहा। "टिंबर तुम किसी को यह नहीं बताओगे। राजा के कान बड़े हैं।" टिंबर ने कहा "जी हुजूर। आपके राज्य में यह गुस्ताखी कैसे कर सकते हैं।" और टिंबर ने कहा आपके बाल काट कर दो। राजा ने अपने बाल कटवाए। टिंबर अपने घर गया। अपनी पत्नी से बोला मुझे एक बात बतानी है। पत्नी काम करके थक गई थी। तो उसने चिल्लाकर बोला जाओ किसी जंगल में जाकर बोलो जाकर। तो टिंबर एक जंगल में चला गया। एक पेड़ पर चढ़ गया। और जोर-जोर से पेड़ हिला कर कहने लगा "राजा जा बकरी जैसे कान।" राजा के राज्य में महोत्सव था। सारे वाद्य यंत्र ने बनाए जा रहे थे। सारंगी तबला। जिस दिन राजा के राज्य में कार्यक्रम था। सारे वाद्य यंत्र आए। और जब सारंगी बजाई गई। सारंगी से आवाज आई "राजा बकरी जैसे कान।" फिर मंजीरा बजाया गया। उस से आवाज आई , तबले से आवाज आई। यह बात आग तरह राजा के राज्य में फैल गई।


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