स्वप्न नगरी
स्वप्न नगरी
चिंकू एक साथ साल का छोटा बच्चा था। उसे अपनी मां से अपनी दादी जी से अपने बाबा से और अपने पापा कहानियां सुनना बहुत अच्छा लगता था। वह रोज रात में सोते समय अपने परिवार के किसी ना किसी सदस्य कहानी सुनकर सोता था। कहानी में सुनते सुनते हो जाता। एक दिन चिंकू बहुत शरारत कर रहा था और उसका सोने का मन नहीं कर रहा था और वह अपनी मां को तंग कर रहा था और सो नहीं रहा था।
चिंकू की मां माधवी ने कहा आओ बेटा, तुम्हें एक प्यारी सी कहानी सुनाते हैं लेकिन तुम आंख बंद करके कहानी सुनना। रिंकू ने कहा ठीक है मां। आप सुनाइए मैंने आंखें बंद कर ली है। चिंकू की हनुमान है कहानी शुरू की दूर देश में राजकुमार रहता था। उसके पास एक घोड़ा था। जिसके पंख लगे हुए थे। राजकुमार घोड़े पर सवार होकर आसमान की जहां चाहता वहां की सैर करता।
घोड़ा सफेद रंग का था। वह कभी बादलों के अंदर जाता तो कभी बादलों के बाहर आता। और ऊपर आकाश में जाकर एक सुंदर सा महल के पास जाकर जाता। राजकुमार वहां उतरता और महल के अंदर चला जाता। महल में बहुत सारे टॉफी चॉकलेट बिस्किट केक इत्यादि के ऊंचे ऊंचे पहाड़ बने रहते हैं। राजकुमार यह सब देख कर बहुत खुश होता । वह कुछ भी खा नहीं पाता। क्योंकि उसे यह सब खराब करने का मन नहीं करता।
फिर तीन चार पहिया आकर उसके आसपास नृत्य करती और गायन करती। फिर शाम होते ही राजकुमार का घड़ा आ जाता और वह घोड़े पर बैठकर फिर से धरती पर अपने महल में आ जाता। और वहां आकर चिंकू पी रहा था माधुवी मां की आवाज आई स्कूल जाना है। चीकू बोला मां क्यों उठा दिया। कितना प्यारा सपना देख रहा था मैं घोड़े पर सवार था और मैंने टॉफी बिस्किट केक के पहाड़ देखें पंख वाले घोड़े पर बैठा। मैंने सपना नगरी की यात्रा की। मां ने कहा अच्छा बेटा तब तो आज बहुत ही अच्छी नींद आई होगी। चिंकू ने कहा मैंने आज तक सब नगरी नहीं देखी थी लेकिन आज सपने में देख ली। चीन को बहुत खुश था वह राजकुमार चिंकू ही था।
