लव सियाप्पा
लव सियाप्पा
हमारी मीठी और नीशा अभय की तारीफ़ो के पुल बांध रहे थे और हमारे अभय जी चुपके से अपनी तारीफ़ सुन रहे थे। मीठी और नीशा एकदम उसे वहां देखकर चोंक गये। मीठी एकदम से चिढ़ गई " ऐसे चुपके चुपके किसी की बात सुनना अच्छा नहीं होता है। खासकर लड़कियों की "।
अभय"सुन रहा था कितनी तारीफ़ हो रही थी मेरी। और तुं छुपकर मेरी कितनी बाते सुनती है मुझे पता ही है। तुं तो बोल ही मत "।
मीठी ने मुंह बिगाड़ा
उसको मुंह बिगाडता देख अभय को और गुस्सा आया। ये जो तेरे हररोज सुबह के नाटक है ना बस के, जो तु जानबूझकर मुझे परेशान करने के लिए बस छोड देती है। अब तुं देख में आज अंकल को ही बोलता हूँ। तुं जानबूझकर परेशान करती है मुझे "।
मीठी मुस्कुरा कर " ओ.वव.. मुझ जैसी मासूम बच्ची को ऐसा कहते हो। कितने खराब हो। वैसे भी हमारी स्कूल बंध हो रही है। दो दिन बाद फेयरवेल है। तो अब तुम्हें परेशान होने की जरुरत नहीं है "।
अब हमारे अभय बाबू भले ही मीठी के प्यार के एहसास से अन्जान है पर दोस्ती के नाते मीठी पर अपना हक़ जरूर रखते है।
अभय"" मासूम और तुम? मेरा मुंह मत खुलवा। पता है तुं कितनी मासूम है। वैसे क्या पहन रही है तुं फेयरवेल में? निशा का तो पता है वह कैसा पहनेंगी पर तुम, मुझे तुमपर बिल्कुल भरोसा नहीं है "।
मीठी ने अपने दांत दिखाते हुए अभय से कहा साडी पहन रही हूँ "।
अभय"तो उसमे दांत दिखाने वाली कौनसी बात है और हां में खुद तुम दोनों को लेकर जाउंगा। वहीं रहुंगा और वापस लेकर भी आउंगा समझीं दोनो। स्कूल से बहार हो रहा है फेयरवेल किसी का कुछ भरोसा नहीं " ।
मीठी=नीशा को (फुसफुसाते हुए) "गई भेंस पानी में "। अब क्या करुंगी मैं?
नीशा"(उसके कान में) अभी चुप हो जा बाद मे सोचेंगे। नहीं तो इसे शक हो जायेगा।
पर हमारी मीठी तो मीठी है। उससे कहां बोले बगैर रहा जाने वाला था।
मीठी (कमर पर हाथ रखकर) " कोइ जरूरत नहीं है साथ में आने की अभी तो बडे तुनक रहे थे की परेशान करती हो अंकल से शिकायत करुंगा। अपनी बहन को ले जाना में नहीं आउंगी।( फिर मुंह बनाकर ) एक मिनट कहीं ऐसा तो नहीं कोइ खास हो जिसके लिए तुं आ रहा है। अब तो में बिल्कुल नहीं आने वाली तेरे साथ जा "।
अभय"सचमुच तुं पागल हो गई है। तेरा दिमाग हंमेशा उल्टा चलता है। (फिर रुककर थोड़ा मुस्कुराकर) तुं जानबूझकर मुझे गुस्सा दिला रही है ना में समझ गया। क्या है? क्या पहनने वाली है तुं?
मीठी= ( झेंपते हुए ) "ऐसा कुछ नहीं है "।
बेचारी नीशा वहां खडी होकर चुपचाप दोनों की बहस सुन रही थी। मीठी और अभय की बहस ऐसे ही रहती अगर मीठी की मम्मी उसे आवाज़ देकर ना बुलातीं।
दूसरे दिन दोपहर को मीठी के रुम में मीठी,नीशा और अंकिता तीनो बैठे थे। बेड पर कल फेयरवेल में मीठी जो पहनने वाली थी वो साडी पडी थी।
अंकिता"" मीठी यार क्या करेगी तू ,अगर अभय आया तो, तुं तो गई। उसने अगर ये बैकलेस ब्लाउज देख लिया ना तो मरी तुं। जानती है ना कैसा है वह। कितना प्रोटेक्टिव है वह "
नीशा"अगर क्या, पक्का वो हमारे साथ ही आयेगा। भाई हमें ऐसे ही नहीं जाने देगा।
मीठी"डराओ मत यार। कुछ सोचने दो। एक काम करती हूँ आज में अभय से गंदावाला झगड़ा कर लेती हूँ और उसकी वह पागल र्गलफ्रेन्ड नीकी के बारे में उल्टा सीधा बोल देती हूँ फिर गुस्सा होकर मुझे नहीं ले जायेगा।
अंकिता"हां फिर वह तुझसे बात नहीं करेगा और तु रोती फिरना और हमारा दिमाग खा जाना। खुद तो उसको आई लव यू बोल नहीं सकती और उटपटांग हरकते करना सुझ रहा है तुझे।
नीशा"और हां वो नीकी ना कोइ उसकी र्गलफ्रेन्ड नहीं है। बस दोस्त है कुछ उल्टा बोलना मत सुनते ही भडक जायेगा मरेगी तुं पागल।
मीठी"तुम दोनों ना ज्यादा बोलो मत वह नीकी और स्वीटी दोनों से फ्लर्ट करता है। पता है कैसी कैसी बाते करता है। मेने खुद बात करते सुना है।एकदिन ना दोनों को भिडा दुंगी।उसकी बाते सुनकर मुझपे क्या बितती है तुमको क्या पता। हाय मेरा बेचारा दिल (फिर दिल पर हाथ रखकर गाना गाते हुए डान्स करती है)
कच्ची डोरियों,डोरियों, डोरियों से
मैनु तुं बांध ले
पक्की यारीयों, यारीयों, यारीयों में
होंदे ना फासले
दोनों लड़कीयों ने मीठी को हाथ पकडकर बेड पर बैठाया और उसके सर पर हल्की चपत लगायी। तभी उसकी दी कमरे में आयी " हो गई तैयारी कल की? अभय मुझे बोल रहा था वह आनेवाला है तुमलोगों के साथ। चलो अच्छा है अब कोइ टेन्शन नहीं " कहकर वह रुम से चली गई।
मीठी"लो, ये कह रही अभय आ रहा है तो कोइ टेन्शन नहीं , अरे इसे कोइ समझाओ वो आ रहा है वहीं तो टेन्शन है।
आज फेयरवेल था। तीनों लड़कियां साडी में कहर ढा रही थी। लेकिन हमारी मीठी तो ब्लेक साडी में कयामत लग रही थी। ब्लेक साडी, खुले बाल, आंखो में काजल, हल्की पींक लिपस्टिक, एक हाथ में पतला गोल्डेन ब्रेसलेट, दूसरे हाथ में वॉच। यांनी टोटल बवाल लग रही थी।
अभय ने जैसे ही मीठी को देखा वह एकटक देखता रह गया। आज पहली बार हमारे अभय बाबू की नजर मीठी पर अटक गई थी। आज पहली बार गाडी का मिरर मीठी के चहरे पर सेट हुआ था। मीठी तो इन सब बातों से बेखबर अपनी सहेलियों के साथ अपनी मस्ति में ही मस्त थी। कई लड़कियां अभय की दोस्त थी। लेकिन आज पहली बार अभय का मीठी को देखकर इतनी जोरों से धडका था। आज उसे मीठी को देखकर एक अलग ही एहसास हुआ था जो पहले कभी नहीं हुआ था। आज पहली बार मीठी की मुस्कान अभय के दिल को घायल कर रही थी।अभय के साथ बैठा उसका दोस्त अलय उसे देखकर मन में मुस्कुरा रहा था। उसने गाडी का म्यूजिक सिस्टम ऑन किया। गाडी के म्यूजिक सिस्टम मे गाना बज रहा था।
तेरा होने लगा हूँ, खोने लगा हूँ
जब से मिला हूँ
मिलते है अगले पार्ट में..........
