बचपन से ही पढ़ने का शौक था। पढ़ने के शौक ने लेखिका बना दिया। अपने आसपास जो भी देखती हूँ उसे अपनी कल्पना शक्ति से कागज में उतारने की कोशिश करती हूँ।
दूसरे दिन दोपहर को मीठी के रुम में मीठी,नीशा और अंकिता तीनो बैठे थे। दूसरे दिन दोपहर को मीठी के रुम में मीठी,नीशा और अंकिता तीनो बैठे थे।
कोयल एकदम बिंदास और चंचल थी तो सामने रेयांश एकदम सीधा साधा, शांत कोयल एकदम बिंदास और चंचल थी तो सामने रेयांश एकदम सीधा साधा, शांत
अभय को मीठी पर इतना गुस्सा आ रहा था फिर भी वह चुप होकर बाइक चलाने लगा। अभय को मीठी पर इतना गुस्सा आ रहा था फिर भी वह चुप होकर बाइक चलाने लगा।