Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
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Sangita Tripathi

Drama

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Sangita Tripathi

Drama

लॉक डाउन के दिन

लॉक डाउन के दिन

1 min
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आज सुबह देखा तो माँ कुछ उदास और सुस्त लगी।

तबियत तो ठीक हैं माँ.. हाँ बेटा। फिर आप इतनी सुस्त क्यों हो। कुछ नहीं समय नहीं कट रहा पहले सैर पर जाते थे पार्क में हमउम्र से बात कर लेते थे अब सारे दिन घर में रहना पड़ रहा तो थोड़ा बोरियत हो रही। सच बच्चों में उलझी मैं माँ बाबूजी की बोरियत नहीं देख पाई। अब इनको भी बिजी रखना पड़ेगा। नाश्ता निबटा कर बच्चों को आवाज लगाई चली दादी - दादू के संग कैरम खेलते हैं।

एक घंटे दादू दादी के संग कैरम खेल बच्चे और बड़े दोनों रिफ्रेश हो गये। शाम को मैं माँ के संग बैठ उनकी पुराने दिनों की सहेलियों के बारे में बात किया रात में हम सब माँ बाबूजी के कमरे में ही ढेरों गप्पे मारी। माँ का चेहरा देख मुझे लगा कल वो फ्रेश देखेंगी।


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