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Dr. Akshita Aggarwal

Inspirational

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Dr. Akshita Aggarwal

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लंबे नाखूनों का शौक या ज़रूरत

लंबे नाखूनों का शौक या ज़रूरत

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श्रेया अपनी हिंदी की क्लास खत्म कर अपने कॉलेज की कैंटीन में आई। कैंटीन में उसके सभी दोस्त अथर्व, यश, मानसी और रूही उसका इंतजार कर रहे थे। उसके चारों दोस्तों के पास हिंदी विषय नहीं था और वे चारों अपनी इतिहास की क्लास लेकर पांँच मिनट पहले ही आ चुके थे और श्रेया का इंतजार कर रहे थे। श्रेया के आते ही मानसी ने पूछा,“श्रेया क्या हुआ? आज तुम लेट कैसे हो गई” ?मानसी की बात सुन श्रेया ने जवाब दिया, “वह बस लास्ट ईयर की परीक्षाएंँ नजदीक हैं, इसीलिए अनीता मैम कुछ जरूरी बातें समझा रही थीं तो दस मिनट लेट हो गया”। चलो फ्रेंड्स यह सब छोड़ो और कुछ खाने को लाओ। मुझे बहुत भूख लगी है। श्रेया ने रूही की बगल वाली कुर्सी पर बैठते हुए कहा। तभी यश ने कहा,“हांँ, मैं अभी सभी के लिए सबकी पसंद का बर्गर और सैंडविच लेकर आता हूंँ”।

यश के जाने के बाद सब इधर-उधर की बातें करने लगे।तभी अचानक से रूही का ध्यान श्रेया के नाखूनों पर गया, जो नेल–आर्ट की वजह से काफी खूबसूरत लग रहे थे।रूही ने पूछा,“श्रेया तुमने इतना खूबसूरत नेल–आर्ट कहां से करवाया”? “अरे रूही, तुम तो जानती हो मुझे यह सब बिल्कुल पसंद नहीं, वह तो माया दीदी को यह सब करना अच्छा लगता है तो उन्होंने ही किया, वह परसों ही ससुराल से आयी हैं, कुछ दिनों के लिए तो उनकी खुशी के लिए करवा लिया”। श्रेया ने बताया। इतने में ही यश सभी के लिए बर्गर और सैंडविच ले आया। तभी अथर्व ने मानसी, रूही और श्रेया की तरफ देखकर हैरानी से पूछा, “तुम लड़कियांँ इतने लंबे नाखून कैसे रख लेती हो यार”? “सिर्फ यह नेल आर्ट एंड ऑल के लिए इतनी मेहनत,कांट बिलीव”।

यश:: भाई शौक बड़ी चीज है।

यश यह बात कुर्सी पर राजाओं की तरह बैठते हुए इस अंदाज़ में कहता है कि सब ठहाका लगा कर हंँस पड़ते हैं ।परंतु श्रेया को यह हंँसी अपने कानों में चुभती हुई–सी प्रतीत होती है और वह यह सोचते हुए कि ‘क्या सच में लड़कियांँ नाखून बस शौक पूरा करने के लिए बढ़ाती हैं या यह लंबे नाखून उनकी जरूरत बन जाते हैं’? 2 साल पहले की यादों में खो जाती है।

दो साल पहले

श्रेया की बड़ी बहन माया की शादी तय हुई और माया ने श्रेया से कह दिया कि, “आज से मेरी शादी होने तक तू अपने नाखून नहीं काटेगी। मैं मेरी शादी से पहले खुद तेरे नाखूनों पर नेल–आर्ट करूंँगी। फिर देखना मेरी बहन के यह नाखून कितने सुंदर लगेंगे”। “दी, वैसे तो मुझे नाखून बढ़ाना पसंद नहीं पर फिर भी आपकी खुशी के लिए मैं इन्हें नहीं काटूँगी और आपकी शादी में मेरे नाखून लंबे लंबे और खूबसूरत होंगे। वादा रहा”। श्रेया ने चहकते हुए कहा ।फिर दोनों बहनों ने एक दूसरे को गले लगाया और शादी की तैयारियों में जुट गईं और देखते ही देखते छह महीने बीत गए और माया की शादी में बस चार दिन ही बाकी रह गए। श्रेया के नाखून भी खूब लंबे और खूबसूरत हो गए।

अपनी बहन के लंबे नाखूनों को देखकर माया ने खुश होते हुए कहा, “अरे वाह!” मेरी बहन के नाखून तो बहुत लंबे हो गए। नज़र ना लगे किसी की बस, श्रेया तू अभी जाकर बुटीक से अपना लहंगा ले आ फिर जब तू शाम को वापस आएगी, तब मैं खुद नेल–आर्ट करूंँगी तेरे नाखूनों पर तब देखना यह कितने ज्यादा सुंदर लगेंगे”। “हांँ दी, ठीक है। मैं अभी जाती हूंँ और जल्दी ही वापस आ जाऊंँगी”। श्रेया ने माया से ऐसा कहकर बाय किया और बुटीक जाने के लिए निकल गई।

शाम को जब श्रेया बुटीक से वापस लौटी तब उसके लंबे नाखून टूटे हुए थे और उसके नाखूनों से खून बह रहा था।यह देखते ही माया घबरा गई और उसने श्रेया से पूछा,“ श्रेया क्या हुआ? तेरे लंबे नाखून कैसे टूट गए और यह खून, यह खून कैसे निकला श्रेया?

श्रेया बहन के ऐसा पूछते ही फूट-फूट कर रोने लगी और बोली, “दी, मैं जब बुटीक से वापस आ रही थी तो ऑटो खराब हो गया और कोई दूसरा ऑटो नहीं मिला तो मैं पैदल ही वापस आने लगी। अचानक दो-तीन लड़के वहांँ आ गए और मेरे साथ बदतमीजी करने की और मुझे छूने की कोशिश करने लगे। तभी मैंने अपने नाखूनों से उनका मुंँह नोंच दिया और उनके हाथों पर भी नाखूनों से वार किया। फिर मैं जल्दी से वहांँ से भाग आई दी, पर मेरे नाखून टूट गए।

यह सब बता कर श्रेया अपनी बहन के गले लग कर रोने लगी और उसकी बहन की आंँखों में से भी आंँसू बहने लगे। श्रेया ने माया को गले लगा कर कहा,“ थैंक्यू दी, जो आपने मुझे नाखून नहीं काटने दिए। अगर आज मेरे नाखून लंबे नहीं होते तो ना जाने क्या हो जाता”?

ऐसा बोलते– बोलते श्रेया ने निश्चय कर लिया की आज के बाद वह अपने नाखून हमेशा लंबे रखेगी, ना जाने कब इन नाखूनों की जरूरत पड़ जाए।

मानसी ने अचानक श्रेया को हिलाया तो श्रेया वर्तमान में वापस आई। मानसी ने पूछा, “श्रेया क्या हुआ?कहां खो गई तुम? सबने अपना बर्गर खा लिया तुम भी खा लो। क्लास में वापस जाने का वक्त होने वाला है”। “हांँ, मानसी बस खा रही हूंँ”। श्रेया ने जवाब दिया। श्रेया को थोड़ा परेशान देख, यश ने कहा, “कम ऑन श्रेया........ कहीं तुम्हें मेरी बात का बुरा तो नहीं लग गया। अगर ऐसा है तो आई एम सॉरी”। ऐसा कहते हुए यश ने अपने कान पकड़ लिए और कहा, आई नो कि लंबे नाखून तुम लड़कियों का शौक...........।

नहीं, यश। श्रेया ने यश को हाथ दिखाकर बीच में ही रोकते हुए कहा कि, “लंबे नाखून हम लड़कियों का शौक नहीं शायद जरूरत होते हैं ।बहुत काम आते हैं यह”।

“क्या लंबे नाखून किस काम आते हैं”? अथर्व और यश दोनों ने हैरानी से पूछा तो श्रेया ने अपनी बगल वाली टेबल की कुर्सी पर बैठे सागर को घूरते हुए कहा, “अगर कोई लड़का किसी लड़की को कमजोर समझ उसके साथ बदतमीजी करने की कोशिश करे तो एक लड़की अपने इन्हीं लंबे नाखूनों से उसका मुंँह नोंच सकती है और उसे अच्छा सबक सिखा सकती है। समझे या नहीं”? “समझ गए दुर्गा देवी”।अथर्व और यश ने हाथ जोड़कर कहा तो मानसी और रूही हंँसने लगी और सागर जो हमेशा क्लास में किसी ना किसी बहाने से श्रेया के साथ बदतमीजी करने की कोशिश करता रहता था। अपनी कुर्सी से उठकर भीगी बिल्ली की तरह वहांँ से श्रेया की घूरती नज़रों का सामना किए बिना ही निकल गया।

फिर सभी दोस्तों ने एक–दूसरे को बाय किया और श्रेया इस विश्वास के साथ कि आज के बाद सागर तो उसे कभी परेशान करने की कोशिश नहीं करेगा, और अगर कोई दूसरा सागर मिला तो वह उसे देख लेगी, आखिर उसके लंबे नाखून जो हैं हमेशा उसके पास। अपने लंबे नाखूनों को देखते हुए पूरे आत्मविश्वास के साथ अपना लेक्चर लेने श्रेया अपने क्लास रूम में चली गई।


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