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Piyosh Ggoel

Inspirational Children

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Piyosh Ggoel

Inspirational Children

लम्हे जिंदगी के

लम्हे जिंदगी के

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सोनाली को वो दिन आज भी याद है जब उसे पहली बार विद्यालय में द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वैसे तो वो हर साल प्रथम ही आती थी पर इस बार की बात कुछ खास थी।

यह बात तब की है जब सोनाली सातवीं कक्षा में पढ़ रही थी तब उसी साल उसकी कक्षा में एक नई लड़की का भी दाखिला हुआ था जिसका नाम सुनीता था। सुनीता मानसिक रूप से कमज़ोर थी।

कक्षा में अध्यापक सुनीता को डांटते थे परन्तु सोनाली सुनीता की पूर्ण सहायता करती थी। सुनीता अकसर डरती की उसका क्या होगा ? 

सोनाली ने सुनीता को पढ़ाया और सुनीता प्रथम स्थान पर आई और सोनाली द्वितीय स्थान पर।

अब मुझे यह लिखने की जरूरत नहीं है की आखिर क्यों वह दिन आज भी सोनाली को याद है।


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