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Avinash Agnihotri

Drama Inspirational

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Avinash Agnihotri

Drama Inspirational

लक्ष्मी पूजन

लक्ष्मी पूजन

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अपने घर के रीति रिवाज समझाने की नियत से आज हंसा अपनी नवविवाहित बहु के साथ लक्ष्मी पूजन की खरीदी करने बाजार गई है।

वहां हंसा बड़ी खुश होकर मिट्टी के दिये, धनी बताशे आदि की खरीदी में मशगूल थी।

कि तभी उसकी बहु ने उसे टोकते हुए उससे पूछा कि 'माँ क्या आपको नहीं लगता कि जब हमने बाजार से आर्टिफिशियल आकर्षक लाईट, ढेर सारी मिठाई आदि सब कुछ खरीद ही लिया है। 

तब भला ये मिट्टी के दिये, धानी बताशे व ये खजूर के पत्तों से बनी झाड़ू आदि को खरीदना फिजूलखर्ची है।'

तब उसकी बात सुन फिर हंसा उसे समझाते हुए बोली, सुन बेटा ये हमारी बहुत पुरातन परंपरा है। जिसे हमारे बुजुर्गों ने बड़े सोच समझकर शुरू की होगी।

जिससे इन छोटे मोटे काम करने वालों के घर भी लक्ष्मी पूजन पर लक्ष्मी का प्रवेश हो सके। और दीपावली के इस महापर्व पर सभी के घर खुशियों का आगमन हो।



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