लगाव
लगाव
उसे पता नहीं था की उदय सामने से अचानक सा आ जायेगा। जैसे ही उसने अपनी स्कूटी स्टार्ट की और आगे बढने गया कि नन्हा सा उदय खुश होते हुए स्कूटी के एक-दम नजदीक चला आया।
उसे देख के आकाश स्कूटी रोकने को मजबूर हो गया
"आवु छे आवु छे " कहते हुए वो स्कूटी के आगे के हिस्से पर चढ गया और खड़ा रहा।
आकाश ने देखा की जब तक सवारी चलती रही। वो अपना सिर नीचे रखे हुए खडा रहा
दो-तीन चक्कर लगाने के बाद वो अपने आप नीचे उतर गया।
"ताज्जुब है" आकाश बोल उठा।
चलो अब उतर जाओ एसा कहने की उसे आवश्यकता ही नहीं रही।
उदय की समझदारी उसके दिल को छू गई।
यही उदय सवारी का आनंद उठाने से पहले घरमे आया था और अपनी निजी जबान मे कहने लगा : नवु भभु….नवु भभु……
दरअसल वो अपना पहना हुआ टी शर्ट बता रहा था।
"बच्चों को अपना कुछ बताने की इच्छा हमेशा
रहती है...और वो उसके पास ही जाता है जिससे उसे लगाव हो, आकाश ने सोचा।
