ताकि उनके कदम ज़िन्दगी में किसी भी परिस्थिति में निर्णय लेने हेतु कदापि न लड़खड़ाएँ। ताकि उनके कदम ज़िन्दगी में किसी भी परिस्थिति में निर्णय लेने हेतु कदापि न लड़खड़ाएँ...
ना जाने कौन सा षड़यन्त्र रचने वाली है, नागदेवता और नागरानी चल पड़े उन सब को सूचना देने। ना जाने कौन सा षड़यन्त्र रचने वाली है, नागदेवता और नागरानी चल पड़े उन सब को सूचना...
बलराज ने उसे उठाकर गले से लगा लिया और दोनों बच्चों को बांहों में भर लिया। बलराज ने उसे उठाकर गले से लगा लिया और दोनों बच्चों को बांहों में भर लिया।
अविश्वास के पौधों को निकालकर सदा विश्वास रूपी पौधों का रोपन करें। अविश्वास के पौधों को निकालकर सदा विश्वास रूपी पौधों का रोपन करें।
प्रफुल्लित मन से शीतू बाहर अपने सभी मित्रों को बताने चली गई। प्रफुल्लित मन से शीतू बाहर अपने सभी मित्रों को बताने चली गई।
मुझे सब कुछ प्राप्त हो गया इससे अधिक मुझे और कुछ ज्ञान नहीं है। मुझे सब कुछ प्राप्त हो गया इससे अधिक मुझे और कुछ ज्ञान नहीं है।