Seema Singh

Tragedy Inspirational

3.4  

Seema Singh

Tragedy Inspirational

लाली का अंत अपनों ने ही किया..

लाली का अंत अपनों ने ही किया..

4 mins
443


"सारे नियम कानून सिर्फ लड़कियों के लिए ही क्यों बने हैं लड़कों पर लागू क्यों नहीं होते हैं?? उन्हें कोई क्यों नहीं सिखाता कि तुम हर वक्त हर समय सही नहीं हो ?? उन्हें तमीज क्यों नहीं सिखाया जाता??? उनसे क्यों नहीं कहा जाता कि रात को तुम बाहर नहीं जाओ?? ऐसे कपड़े मत पहनो?? ऐसे मत बैठो, ऐसी बातें मत करो सारे नियम, सारे पाबंदियां हम लड़कियों पर ही क्यों लागू होते हैं????" लाली ने एक ही सांस में अपनी यह बात अपनी मां को कह दी..


लाली "क्यों हर वक्त मां तू मुझे कुछ भी करने से रोकती हो ?? क्यों मुझे घर से बाहर जाने से मना करती हो?? क्यों मुझे मेरे सपनों के साथ जीने नहीं देती?? मैं उन सपनों के साथ हकीकत में जीना चाहती हु। उन्हें पूरा करना चाहती हूं मैं पढ़ना चाहती हूं। मैं घुट घुट के नहीं जीना चाहती। यह समाज के सारे नियम एक जैसे क्यों नहीं है ।क्यों पापा और तुम सिर्फ भाई के फेवर में रहती हो चाहे वह कितना भी गलत क्यों ना हो?? उसकी गलती पर उसे कोई कुछ नहीं कहता । उल्टा यह कहते हैं यह लड़का है चलेगा ...फिर वही लड़का किसी लड़की को तंग करें लड़का गलत नहीं है ..लड़की ने ही कुछ कि होगी?? क्यों ??....हर लड़की गलत हो इसका लाइसेंस समाज में पहले से दे रखा है??? चाहे लड़की की गलती हो या ना हो मुझे इस दिखावे की दुनिया में नहीं जीना है???


"अब शांत भी हो जा कितना अपना खून जल आएगी शांत हो जा बेटा तेरी यह दर्द भरी आवाज कोई नहीं सुनने वाला, कोई नहीं समझने वाला, औरत जात में पैदा होना ही एक अभिशाप है" लाली को उसकी मां प्यार से उसे शांत कराते हुए कह रही है... लाली अपने पिता द्वारा बनाएं खोखले नियम कानून से तंग आ चुकी है। उसके पिता की नजर में एक औरत की औकात घर के काम तक ही सीमित है। ना उनके कोई अरमान ,ना कोई सपने, ना कोई अधिकार लेने का फैसला यहां तक कि अपने जीवन का भी नहीं। ये बात लाली को बचपन से ही पसंद नहीं थी ।वह हर वक्त अपने पिता के इस खोखले नियम कानून की विरोध करती थी।


पर आज लाली पूरी बगावत में थी क्योंकि आज उसके पिता ने उसकी शादी एक ऐसे व्यक्ति के साथ तय की गई है ।जो पहले से ही शादीशुदा था और उम्र में भी बड़ा यह बात लाली को कतई भी पसंद नहीं आई। उसने अपने पिता से साफ-साफ कहा मुझे शादी नहीं करनी है मुझे पढ़ना है और मैं इस उम्र दराज इंसान से शादी क्यों करूं जो पहले से ही शादीशुदा है।


यह बात सुनकर लाली के पिता ने लाली को कहा" मैं तुमसे तुम्हारी राय नहीं पूछ रहा हूं, मैं तुम्हें बता रहा हूं।" तभी लाली कहती है" मुझे यह मंजूर नहीं है।" तभी लाली के भाई ने लाली को कहा "क्या कमी है उस इंसान में रईस है ,पैसे वाला है तुझे रानी बनाकर रखेगा। वैसे भी पिताजी ने तुम पर बहुत पैसे खर्च किए हैं। इससे ज्यादा नहीं होगा। वैसे भी उस इंसान की एक ही शर्त थी तुम से शादी, जो हमने मानी क्योंकि शादी से हमें व्यापार में बहुत बड़ा मुनाफा होगा इसलिए तुम्हें ये यह शादी करनी होगी।"


"अपने बिजनेस के मुनाफे के लिए अपनी बेटी की बलि चढ़ा रहे हैं आप ।आपको यह नहीं दिख रहा है कि आपकी बेटी कैसे जीएगी उस इंसान के साथ ।उसकी पूरी जिंदगी खराब हो जाएगी। आप मेरे पिता है मैं आपकी बेटी हूं। तू कैसा भाई है तूने भी पापा को नहीं समझाया?? लाली ने रोते हुए यह बात अपने भाई और पिता को कही पर... उसके आंसुओं का कोई मोल नहीं है उसके भाई और पिता की नजर में...


लाली पूरी तरह से अंदर से टूट चुकी थी ।उसे चारों और सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा नजर आ रहा था। उसके दिल की बातों को ,उसके दर्द को ना समझने के लिए उसकी अपनी मां ,ना अपने पिता ,ना अपना भाई, कोई अपना नहीं था । वह अंदर ही अंदर घुट रही थी। वो इस घुटन से मुक्त होना चाहती थी... लाली ने बहुत कोशिश की अपने घरवालों को समझाने की जितना हो सके उससे कहीं ज्यादा कोशिश की पर वह हार गई। आखिरकार उसने अपनी जिंदगी से भी हार मान ली। इस खोखले और दकियानूसी नियम कानून से उसने अपने आप को मुक्त कर लिया हमेशा के लिए...


.....आज एक और बेटी इस समाज के दोहरे खोखले दकियानूसी नियम कानून की बलि चढ़ गई । लाली ने अपने जीवन की लीला हमेशा के लिए समाप्त कर ली...!!! लाली अपने पिता और भाई को सबक सिखाना चाहती थी पर वो जब भी कुछ करने की कोशिश करती उसे अपनी मां की याद आ जाती, वो जानती थी उसने कुछ भी किया उसका हर्जाना उसकी मां को चुकाना होगा...वो ये भी जानती थी उसके पिता और भाई बहुत पावरफुल इंसान है। वो कहीं भी रहेगी उसे ढूंढ कर उसके जीवन की लीला वहीं समाप्त कर देंगे क्योंकि उन्हें अपने रूतबे के शिवा कुछ और नजर नहीं आता.... लाली की हिम्मत ने वही पर अपना दम तोड़ दिया और हमेशा के लिए अपनी जिंदगी की लाली को समाप्त कर दी...!!!


आज भी समाज में ना जाने ऐसे कितनी लाली होंगी जिसके अंत की वजह उसके अपने ही होंगे..???



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy