सुनाक्षी के सपनों के अनुसार ही उसकी शादी एक साधारण परिवार में हुई। सुनाक्षी के सपनों के अनुसार ही उसकी शादी एक साधारण परिवार में हुई।
अगर मंजूर हो तो चल आजा। नहीं तो फूट यहां से, खूसट कहीं का" "हमें मंजूर है" । दिलावर न अगर मंजूर हो तो चल आजा। नहीं तो फूट यहां से, खूसट कहीं का" "हमें मंजूर है" ।...
वह सच हो गया था। कोई एक दूसरे के बिना नहीं जी पाया। वह सच हो गया था। कोई एक दूसरे के बिना नहीं जी पाया।
चाहे इस तेज़ रफ़्तार में दौड़ती दुनिया की भीड़ में ठहरना ही क्यूँ ना पड़े.. चाहे प्रेम कहानियों के फ्लॉप ... चाहे इस तेज़ रफ़्तार में दौड़ती दुनिया की भीड़ में ठहरना ही क्यूँ ना पड़े.. चाहे प्रे...
लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
कुछ तो मायने होंगे इस पल के, वरना यूँ ही किसी से मुलाक़ात नहीं होती। कुछ तो मायने होंगे इस पल के, वरना यूँ ही किसी से मुलाक़ात नहीं होती।